पटना: राज्य के सर्वाधिक भूकंप संभावित कुल आठ जिलों समेत पटना व मुंगेर के एक-एक सरकारी अस्पताल व स्कूल भवन का मजबूतीकरण किया जायेगा. राज्य के कुल आठ जिले भूकंप के दृष्टिकोण से जोन-5, जबकि पटना व मुंगेर जोन-4 में आते हैं. बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सदस्य पद्मश्री डॉ एएस आनंद की अध्यक्षता में बुधवार को सरकारी भवनों को भूकंप के मद्देनजर मजबूतीकरण के लिए बैठक आयोजित हुई. इसमें शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी शामिल थे.
महज छह प्रतिशत राशि करनी होगी खर्च : बैठक के बाद डॉ आनंद ने बताया कि भूकंप की दृष्टि से जोन-5 में शामिल सभी आठ जिलों के तीन-तीन सरकारी अस्पताल और तीन-तीन स्कूलों की सूची राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार को सौंपी गयी है.
प्राधिकार सूची में शामिल सभी भवनों का अपने स्तर से अध्ययन करेगा और इनमें से एक अस्पताल व एक स्कूल के भवन का मजबूतीकरण किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस तकनीक से असुरक्षित भवनों को बिना तोड़े ही काफी कम खर्च में उसे भूकंपरोधी बनाया जा सकता है. भवन निर्माण पर होने वाले खर्च की महज छह प्रतिशत राशि खर्च कर किसी भी असुरक्षित भवन को भूकंप के मद्देनजर मजबूत किया जा सकता है.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार करेगा मॉनीटरिंग : उत्तर बिहार के कुल आठ जिले दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, सहरसा और किशनगंज भूकंप के दृष्टिकोण से सबसे खतरनाक हैं और ये जोन-5 में शामिल हैं. इसके अलावा राजधानी पटना और मुंगेर को भी इसमें शामिल किया गया है, क्योंकि मुंगेर की भौगोलिक स्थिति कुछ ऐसी है कि वहां भूकंप का छोटा सा झटका भी जान-माल को काफी नुकसान पहुंचाता है. डॉ आर्य ने बताया कि भवनों के मजबूतीकरण का खर्च संबंधित विभाग वहन करना होगा, जबकि इसमें हर तरह की तकनीकी सहायता और मजबूतीकरण की मॉनीटरिंग राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार करेगा.
क्या है भवनों का मजबूतीकरण
यदि मकान ईंट की जोड़ाई व भारवाहक दीवार पर आधारित है, तो उसे बिना तोड़े ही उसे भूकंप के मद्देनजर मजबूत किया सकता है. अगर भवन 30 साल से अधिक पुराना है और उसमें भूकंपीय पट्टी नहीं लगी है, तो दीवारों पर, आमने-सामने दोनों सतहों पर, दरवाजों एवं खिड़कियों के लिंटर के ऊपर, छत के नीचे तथा कुरसी स्तर पर क्षितिज भूकंपीय पट्टी लगायी जाती है. रेट्रोफिटिंग यानी मजबूतीकरण का मतलब केवल दीवारों व छत की दरार को भरना नहीं, बल्कि उसमें लोहे के छड़, सीमेंट और अन्य निर्माण सामग्रियों का जोड़ लगाया जाना है. इसमें स्टील का जालीदार प्रबलन डाल कर एवं सीमेंट मसाला अथवा कंक्रीट का उपयोग किया जाता है. यह तरीका भारतीय मानक संस्थान द्वारा मान्य है.