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सरकारी थोक बाजार में बिकेगी ताजी मछली
कुलभूषण पटना : बिहारवासियों को ताजा मछली उपलब्ध कराने के लिए अब सरकार खुद इसका थोक बाजार लगायेगी. इसके लिए पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपर और मधुबनी समेत छह जिलों को चिह्नित कर लिया गया है, जहां अपने राज्य के ही तालाबों, नदियों और जलकरों के मछली लोगों को मिलेगा. पहले चरण के […]
कुलभूषण
पटना : बिहारवासियों को ताजा मछली उपलब्ध कराने के लिए अब सरकार खुद इसका थोक बाजार लगायेगी. इसके लिए पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपर और मधुबनी समेत छह जिलों को चिह्नित कर लिया गया है, जहां अपने राज्य के ही तालाबों, नदियों और जलकरों के मछली लोगों को मिलेगा.
पहले चरण के छह जिलों में मछली मार्केटिंग में सफलता मिलने के बाद राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसी ही व्यवस्था की जायेगी. मछली की थोक सप्लाइ के लिए जिलों में शीत भंडार घर, खुदरा विक्रेता को मछली देने के लिए यार्ड और वैज्ञानिक तरीके से मछली के रखरखाव का इंतजाम होगा, ताकि मछलियां अधिक समय तक जीवित रहे. मत्स्य संसाधन विभाग ने बताया है कि फिलहाल पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपर और मधुबनी जिले में मछली के थोक बाजार की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए चयनित छह जिलों के डीएम को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने पत्र लिखा है.
मछली आढ़त के लिए विभाग की गंभीरता को इससे भी समझा जा सकता है कि जमीन उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने सभी छह जिलों के डीएम को तीन -तीन बार रिमाइंडर भेज चुका है. मत्स्य संसाधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिलों में बननेवाली एक मछली आढ़त के निर्माण पर कुल ढाई करोड़ रुपये खर्च होगा.
आधुनिक सुविधा वाले इस आढ़त का खर्च नेशनल फिश डेवलपमेंट बोर्ड और बिहार सरकार मिलकर करेगी. केंद्र सरकार का नेशनल फिश डेवलपमेंट बोर्ड इसके निर्माण में 40 प्रतिशत और राज्य सरकार द्वारा 60 प्रतिशत राशि खर्च किया जायेगा.
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