10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना में पेंडिंग आवेदनों पर नहीं होती है अपील

पटना में पेंडिंग आवेदनों पर नहीं होती है अपील – अर्थदंड की वसूली में भी काफी पीछे है पटना जिला – हाल-ए-आरटीपीएस-3संवाददाता, पटना बिहार लोक सेवा अधिकार अधिनियम के तहत पटना जिले में जो आवेदन डिस्पोजल के लिए आ रहे हैं उनका समय पर निबटारा नहीं हो पा रहा है और ना ही यहां के […]

पटना में पेंडिंग आवेदनों पर नहीं होती है अपील – अर्थदंड की वसूली में भी काफी पीछे है पटना जिला – हाल-ए-आरटीपीएस-3संवाददाता, पटना बिहार लोक सेवा अधिकार अधिनियम के तहत पटना जिले में जो आवेदन डिस्पोजल के लिए आ रहे हैं उनका समय पर निबटारा नहीं हो पा रहा है और ना ही यहां के लोग अपील में ही जा रहे हैं. अधिकारियों द्वारा भी स्वत: कोई अपील नहीं की जाती है. पटना जिले के 52 कार्यालयों में अभी तक 73 लाख 28 हजार आवेदन आए, इसमें से 86 प्रतिशत का निबटारा समय पर हो गया. 16 अक्तूबर से 15 नवंबर के बीच एक महीने में 79 हजार आवेदन मिले जिसमें से 77 प्रतिशत का निष्पादन हुआ. वहीं अपील को देखा जाये तो इस महीने में 1427 आवेदन का निबटारा समय सीमा के बाद हुआ लेकिन इसमें से एक व्यक्ति ने भी अपील नहीं की. इसके साथ ही एक निराशाजनक तथ्य और है कि यहां सेवा को तय समय के भीतर पूरा नहीं करने के कारण अधिकारियों पर जो अर्थदंड लगाये जा रहे हैं, उसकी वसूली भी नहीं हो रही है. आंकड़ों के अनुसार जितना दंड लगाया गया उसका दस प्रतिशत ही वसूल हो सका है. यानी आरटीपीएस के क्रियान्वयन के जितने भी पैमाने हैं, उसमें जिले की हालत खस्ता है. आरटीपीएस में रैंकिंग तीन स्तरों पर की जाती है. पहला आवेदनों का समय सीमा के भीतर निबटारा, दूसरा चालू महीने में निबटारा और तीसरा अपील में जाने के बाद निबटारा.महज 15 प्रतिशत की हुई वसूली आरटीपीएस में तय समय के भीतर काम पूरा नहीं करने के कारण अपीलीय प्राधिकार द्वारा 27 अधिकारियों पर 2 लाख 32 हजार पांच सौ रुपये का दंड लगाया गया था लेकिन इसकी पूरी वसूली नहीं हो सकी. अभी तक महज 32 हजार रुपये की ही वसूली हो सकी है. नियम के मुताबिक जिस अधिकारी ने समय पर काम को नहीं पूरा किया उसके वेतन से ही राशि की कटौती होगी. अपीलीय प्राधिकार इस संबंध में कोषागार को जानकारी भेज देते हैं. इसके बावजूद अभी 85 प्रतिशत राशि नहीं वसूल हो सकी है. पालीगंज के बीडीओ पर ही वर्ष 2013 में पेंशन के आवेदनों का सही समय से निबटारा नहीं होने पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया था. लेकिन एक साल में भी यह फाइन नहीं दिया गया. और तो और बीडीओ ने अपने वेतन की निकासी भी नहीं की. इसके कारण यह बड़ी रकम अभी भी आने की उम्मीद नहीं है क्योंकि बीडीओ का तबादला दूसरे जिले में हो गया है और उनके द्वारा इस संबंध में कोई पहल भी नहीं की गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें