पटना: ट्रैफिक जाम से जूझना शहरवासियों के रूटीन वर्क में शामिल हो गया है. शहर के मैक्सिमम फुटपाथों पर अस्थायी दुकानदारों का कब्जा है. इसकी वजह से लोग अपने वाहनों को सड़क के साथ नो पार्किग जोन में खड़ा कर देते हैं. इससे डेली रोड जाम को लेकर किचकिच होती रहती है. कभी कभी तो उनमें तू तू मैं मैं भी होने लगता है. वहीं पुलिस का कहना है कि ट्रैफिक को दुरुस्त किया जा रहा है.
पुलिस की शह पर सज गयीं दुकानें : एक सप्ताह पहले पटना पुलिस ने रेलवे स्टेशन के सामने जाम से निजात दिलाने के लिए वीणा सिनेमा से गोलंबर और न्यू मार्केट की सड़क को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त कर दिया था. दुकानदारों को हिदायत दी गई थी कि यदि वह सड़क पर दुकान लगाते हैं, तो उनके सामान को जब्त कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. लेकिन पुलिस की इस चेतावनी का दुकानदारों पर कोई असर नहीं पड़ा. अतिक्रमण अभियान के दूसरे दिन ही रोड सहित फुटपाथ पर फिर से दुकानें सज गयीं. इसके चलते फिर से जाम लगने लगा. इस बाबत रेलकर्मी अविनाश सिंह कहते हैं कि जंकशन के समीप पुलिस की शह पर दुकानें लगायी जाती हैं. वहीं रमेश झा का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस वाहनों व दुकानों को हटाने के बजाय वसूली पर अधिक ध्यान देती है.
फुटपाथ कहां है भाई, कोई तो बताये : शहर के अधिकांश फुटपाथों पर दुकानदारों ने कब्जा कर उन्हें मार्केट में तब्दील कर दिया है. शहर के करबिगहिया स्टेशन के सामने दुकानदारों ने फुटपाथ सहित रोड पर कब्जा कर अपनी दुकानें बना ली हैं. दुकानों के सामने ही पुलिस बूथ है, लेकिन पुलिस के जवान ऑटो और प्राइवेट यात्री बसों से साप्ताहिक वसूली में लगे रहते हैं. कंकड़बाग स्थित रोड पर दुकानदारों ने फुटपाथ पर ही अपने काउंटर लगा करके ग्राहकों को सामान दिखाने का काम करते हैं. नाला रोड में मैक्सिमम दुकानें लोहे, लकड़ी के फर्नीचर और साइकिल की हैं. दुकानदार फुटपाथों पर ही सामान सजा देते हैं. ऐसे में जब कोई ग्राहक दुकान में सामान लेने आता है तो वह वाहन लगाने के लिए पार्किग स्थल के रूप में रोड का उपयोग करता है. इसी तरह कंकड़बाग में फूड आइटम बेचनेवाले दुकानदारों ने रोड साइड को ही कब्जा करके अस्थायी घर बना लिया है. भट्टाचार्या और एग्जिबिशन रोड पूरी तरह से वाहन मार्केट में तब्दील हो चुका है. गाड़ियों के सीट कवर, नंबर प्लेट, हेलमेट और शॉकर बनाने वाले दुकानदारों का वहां कब्जा है. एसबीआइ में कार्यरत विनीत शाह कहते हैं कि बाइक बनाते वक्त मोटर मेकैनिक सड़क पर ही वाहन खड़ा करके मरम्मत करने लगते हैं. ऐसे में ग्राहकों को हमेशा अपनी सुरक्षा का डर सताता है. इन जगहों पर फुटपाथ कहां है, किसी को पता ही नहीं. इनकम टैक्स चौराहे के समीप फुटपाथ पर मिट्टी का सामान और फॉर्म बेचने वालों का कब्जा है. उनकी अस्थायी दुकानों की वजह से आये दिन लोगों को जाम की प्रॉब्लम फेस करनी होती है.
पार्किग स्थल भी नहीं है फ्री : शहर के अधिकांश पार्किग स्थलों पर भी दुकानदारों का कब्जा है. मौर्यालोक पार्किग स्थल पर छोला-भटूरा, चाउमिन और चाय की अस्थायी दुकानें खुली हुई हैं. यही नहीं, इनकम टैक्स चौराहे से आर ब्लॉक की तरफ जाने वाली सड़क की स्थिति और भी बुरी है. उसकी दोनों तरफ पार्किग स्थलों पर कई लोगों ने अपना अस्थायी निवास बना डाला है.