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स्टोरी : मरीज बेड पर, हवा में उड़ रही ऑक्सीजन

स्टोरी : मरीज बेड पर, हवा में उड़ रही ऑक्सीजन- पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में बना ऑक्सीजन प्वाइंट लीकेज – कई बेडों के ऑक्सीजन बंद होने से, वार्ड में मची अफरातफरी – हर माह लाखों रुपये जाता है कंपनी को, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यानफोटो जेपी देंगे आनंद तिवारी, पटना पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में […]

स्टोरी : मरीज बेड पर, हवा में उड़ रही ऑक्सीजन- पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में बना ऑक्सीजन प्वाइंट लीकेज – कई बेडों के ऑक्सीजन बंद होने से, वार्ड में मची अफरातफरी – हर माह लाखों रुपये जाता है कंपनी को, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यानफोटो जेपी देंगे आनंद तिवारी, पटना पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में सुविधा के लिए मरीजों के बेड तक पाइप लाइन से ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की गयी है. लेकिन, उचित देख-रेख के अभाव में इससे मरीजों की जान पर बन आ रही है. दरअसल, ऑक्सीजन प्वाइंट में लीकेज होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके जिम्मेवार वार्ड के मैनेजर और इंचार्ज नर्स सभी प्वाइंट को सही बता रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि एक वार्ड में करीब आठ से 10 मरीजों को ऑक्सीजन ठीक से नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में वार्ड में लगे ऑक्सीजन पाइप लाइन का प्वाइंट खराब होने से मरीजों की जान बचानेवाली ऑक्सीजन हवा में उड़ रही है. इसको लेकर मरीज के परिजनों ने भी कई बार हंगामा किया. बिना ऑक्सीजन की बितायी रातकेस : 1 इमरजेंसी आइसीयू के बेड नंबर 30 पर ब्रेन का इलाज करा रहे कामेश्वर प्रसाद को उस समय परेशानी हुई, जब उनके लगाये गये मास्क में ऑक्सीजन नहीं आ रही थी. उनके परिजन मनीष कुमार ने डॉक्टरों से इस बारे में बताया, तो वे भी कन्नी काट लिये. घटना मंगलवार की है. जब उनके परिजनों ने हंगामा किया, तो टेक्नीशियन की टीम आयी और ऑक्सीजन पाइप को दुरुस्त किया. केस : 2आइसीयू के बेड नंबर 28 का मामला है. वहां लगे पाइप के लीकेज से उस बेड पर इलाज करा रही शकुंतला देवी को भी काफी परेशानी हुई. शकुंतला देवी को पूरी तरह से ऑक्सीजन नहीं मिलने से उनकी तबीयत रह-रह कर खराब हो गयी. इसे लेकर उनके परिजन प्रमोद कुमार ने कई बार अस्पताल प्रशासन से मामले की शिकायत की. इसके बाद भी पाइप के लीकेज को सही नहीं किया गया. मरीजों के बेड तक पहुंचती है ऑक्सीजन पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड, राजेंद्र सर्जिकल और प्रसूति विभाग के आइसीयू आदि वार्ड में मरीजों के बेड तक ऑक्सीजन पहुंचायी जाती है. इसके लिए अलग लिक्विड टैंक अस्पताल में बनाया गया है. सिलिंडर ले जाने के झंझट को देखते हुए छह साल पहले पीएमसीएच के छह प्लांट में इसकी सुविधा दी गयी है. इससे पहले पीएमसीएच में सिलिंडर सिस्टम था. कोट : ऑक्सीजन पाइप लाइन में कहीं सुराग नहीं है. जहां पर प्वाइंट बना हुआ है, वहां से ऑक्सीजन कभी-कभी निकलती है, जिसकी शिकायत मिलने के बाद उसे ठीक किया जाता है. मरीज अगर ऑक्सीजन पर है और डॉक्टर ने उसकी गंभीरता को देखते हुए उसकी गति तय की है, तो मरीज को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलनी चाहिए, अन्यथा अनहोनी हो सकती है. – डॉ अभिजीत सिंह, इमरजेंसी इंचार्ज, पीएमसीएच ऑक्सीजन आपूर्ति का जिम्मा कंपनी और उनके टेक्नीशियन का है. वहीं, देखभाल का जिम्मा वार्ड मैनेजर व इंचार्ज नर्स का है. आपने जो गड़बड़ियां बतायी हैं, मै इस बारे में इसके जिम्मेवार अधिकारियों को बोल कर दूर करता हूं. आगे से इस तरह की दिक्कत होगी, तो जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.- डॉ एसएन सिन्हा, प्राचार्य, पीएमसी\\\\B

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