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सरकार मशीनरी का दुरुपयोग कर बदला ले रही केंद्र : संजय सिंह

सरकार मशीनरी का दुरुपयोग कर बदला ले रही केंद्र : संजय सिंहसंवाददाता, पटनाजदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा की केंद्र की सरकार देश में लगातार हो रही हार के बाद बौखला गयी है. सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके नरेंद्र मोदी उन तमाम लोगों से बदला ले रहे […]

सरकार मशीनरी का दुरुपयोग कर बदला ले रही केंद्र : संजय सिंहसंवाददाता, पटनाजदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा की केंद्र की सरकार देश में लगातार हो रही हार के बाद बौखला गयी है. सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके नरेंद्र मोदी उन तमाम लोगों से बदला ले रहे हैं जिनसे वो हार गये हैं. अब भाजपा को ये डर हो गया है कि सभी समाजवादी लोग मिल कर इनकी असलियत को सामने ला देगी, खासकर नरेंद्र मोदी के नकली आडंबर को जिसके बदौलत देश के सत्ता को उन्होंने हथिया लिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आंदोलन की उपज है और उन्होंने सामाजिक मूल्यों पर राजनीति की है. जब दिल्ली में केजरीवाल ने भाजपा की असली औकात दिखा दी और मात्र तीन की संख्या पर ला दिया तो केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा है. केंद्र सरकार दिल्ली में स्वतंत्र रुप से अरविंद केजरीवाल को काम नहीं करने देना चाहती है. कभी पुलिस के मामले पर, तो कभी आप के विधायकों को फंसाकर, तो अब सीबीआई से केजरीवाल के सरकारी दफ्तर में छापा मरवा कर उन्हें परेशान कर रही है. संजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सच्चाई का साथ दिया है. लोकतंत्र में ये किसी को इजाज़त नहीं मिली है कि किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह से बेइज्जत किया जाये. नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली ने साज़िश के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री को परेशान किया है और अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं. जदयू के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार ने लोकतंत्र की मर्यादा को पालन करने बात कही है, जिस तरह से अब तक कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मर्यादायें थी, वह भंग हो गयी है. किसी भी व्यक्ति के बारे में कोई आरोप है, जांच पड़ताल हो रही है तो जांच होनी चाहिए थी. सुशील मोदी बताये कि अगर कहीं मुख्यमंत्री कार्यालय तक आप जा रहे हैं, तो उसके लिए क्या मुख्यमंत्री को पूर्व सूचना देनी चाहिए थी कि नहीं? किसी चीज की जानकारी ना होना और जो भी मामले हैं, क्या वे मामले अभी के पद को धारण करने से संबंधित है. लोकतंत्र में जो संघीय ढांचा है, वो परस्पर विश्वास व एक दूसरे के इज़्ज़त पर निर्भर करता है, लेकिन जिस तरह से ये घटना घटी है इसका संदेश लोकतांत्रिक व संघीय व्यवस्था के लिए खतरनाक है.

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