पटना: पुलिस का डंडा चला, तो अतिक्रमणकारी सड़क से हट गये. सड़क अतिक्रमणमुक्त हुई और आवागमन आसान. अभियान के बाद मंगलवार को दिन भर फुटपाथी दुकानदारों ने सड़क को छोड़ बैरिकेडिंग के अंदर से ही अपनी दुकानदारी चलायी. प्रभात खबर ने मंगलवार को पेज तीन पर प्रमुखता से ‘एक किलोमीटर, 517 कब्जे’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद निगम प्रशासन ने पटना पुलिस के सहयोग से गांधी मैदान के पास और जीपीओ गोलंबर से लेकर वीणा सिनेमा हॉल के गेट तक पूरी कड़ाई से अतिक्रमण हटाया और सड़कों को फुटपाथी दुकानदारों से मुक्त कराया. वहीं, अभियान के दौरान स्टेशन गोलंबर पर अतिक्रमण करते पकड़े गये आधा दर्जन से अधिक ठेला-खोमचेवालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. गांधी मैदान थाने ने भी कारगिल चौक पर अतिक्रमण करनेवाले चार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की. उन सभी के ठेला को भी जब्त कर लिया गया है.
गांधी मैदान के चारों तरफ चला अभियान: सुबह नौ बजे से गांधी मैदान के चारों तरफ से अतिक्रमण हटाया गया. सड़क पर फुटपाथी दुकान लगा कर ठेले पर अस्थायी होटल चलानेवालों का सामान जब्त किया गया और मोना सिनेमा हॉल के पास सड़क पर फुटपाथी दुकानदारों के सामान को जब्त किया. पुलिस ने सख्त हिदायत दी कि सड़क पर दोबारा दुकान नहीं दिखनी चाहिए. सड़क की बाउंड्री लाइन के अंदर ही दुकान चला सकते हैं, नहीं तो अब कार्रवाई की जायेगी. फुटपाथी दुकानदारों ने थोड़ा विरोध भी किया.
पुलिस को देख मची अफरातफरी: मोना सिनेमा हॉल गेट के समीप करीब ढाई बजे नगर निगम की टीम और दर्जन भर पुलिसकर्मी अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे. यह देख दुकानदारों के बीच कुछ देर के लिए अफरातफरी की स्थिति हो गयी. दुकानदार अपने समान को इधर से उधर हटाने लगे. दुकानदारों की काफी अधिक भीड़ जम गयी. निगम की टीम ने कहा कि किसी भी हाल में बैरिकेडिंग के बाहर दुकान नहीं लगानी है. अगर सड़क पर दुकान लगाने से बाज नहीं आये, तो सामान जब्त करने के साथ जेल भी भेज दिया जायेगा. इस दौरान फुटपाथी दुकानदारों का पांच टिपर सामान जब्त किया गया. अभियान में वरीय उप समाहर्ता नीरज दास, विविध अनुज्ञा निरीक्षक उदय शंकर पासवान, सफाई निरीक्षक हरिकेश श्रीवास्तव और पुलिस की टीम थी.
जीपीओ से वीणा सिनेमा हॉल तक व्यवस्थित लगीं दुकानें: अभियान का असर यह रहा कि जीपीओ गोलंबर से वीणा सिनेमा हॉल गेट तक लगभग सभी दुकानें बैरिकेडिंग के अंदर व्यवस्थित तरीके से लगीं. सड़क पर दुकानें नहीं लगने के कारण सड़क खाली-खाली दिखी और लोग आराम से आ-जा रहे थे.