पटना : लोजपा ने कहा है कि पिछले आठ साल में राज्य में ऐसी कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं, जो पहले कभी नहीं घटी थीं. इन घटनाओं से राज्य की छवि धूमिल हुई है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी सरकार दलित व अतिपिछड़ा विरोधी सरकार के रूप में जानी जायेगी.
इस सरकार की उदासीनता व साजिश ने बाथे, बथानी आदि नरसंहार की घटनाओं के आरोपितों को सजा से मुक्त करा दिया. एक को भी सजा नहीं मिली. गांधी मैदान में सीरियल बम ब्लास्ट हुए, जिसमें छह लोग मारे गये. बोधगया में आतंकी घटना हुई. मिड डे मील खाने से छपरा में 23 बच्चों की मौत हो गयी.
पुलिसिया जुर्म में दर्जनों लोग मारे गये. लोजपा प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने नीतीश सरकार के आठ साल के कार्यकाल पर रविवार को श्वेतपत्र जारी किया. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता लोकसभा व विधानसभा चुनाव में जदयू व भाजपा को सबक सिखायेगी. इन दोनों के ही चुनाव में एक साथ होने की संभावना है.
बढ़े हैं अपराध : वर्तमान सरकार में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं. आंकड़े के अनुसार, वर्ष 2005 से अभी तक 11.65 लाख संचेय अपराध हुए.
28248 लोगों की हत्या हुई, 6238 घरों में डकैती हुई, 8566 दुष्कर्म की घटनाएं हुईं. प्रगति के हर मानक में बिहार अन्य राज्यों से पीछे है. अफसरशाही चरम पर है. किसान बेहाल हैं. रोजगार किसी को नहीं मिल रहा. दो वक्त की रोटी के लिए लोग पलायन को मजबूर हैं.
राज्य सरकार भ्रामक आंकड़ों से तेज विकास का दंभ भरती है. मौके पर दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र पासवान, लोजपा प्रदेश महासचिव राघवेंद्र सिंह कुशवाहा, प्रवक्ता ललन कुमार चंद्रवंशी, रोहित कुमार सिंह, विष्णु पासवान आदि उपस्थित थे.
कांग्रेस का रिपोर्ट कार्ड आज : नीतीश सरकार के आठ साल पूरा होने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी सोमवार को समानांतर रिपोर्ट कार्ड जारी करेगी. इसे प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी सदाकत आश्रम में जारी करेंगे. इसमें केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी राशि और खर्च का जिक्र होगा. इसके अलावा विधि-व्यवस्था, दलित-महिला उत्पीड़न, भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगाने का जिक्र होगा.
राजद का आरोपपत्र 28 को : पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी 28 नवंबर को नीतीश सरकार के खिलाफ आरोपपत्र जारी करेंगी. यह 10 सकरुलर रोड से जारी होगा. इसमें महाबोधि बम ब्लास्ट व गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट के साथ ही अकलियत, पिछड़ों व अति पिछड़ों पर हुए हमलों की विस्तृत चर्चा की गयी है. राज्य में पूंजी निवेश, सुखाड़ व बाढ़ से निबटने में सरकार की विफलता को रखा गया है.