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संविधान ही मेरा धर्मग्रंथ कभी नहीं करूंगा भेदभाव

पटना : स्पीकर इज सर्वेंट ऑफ द हाउस. वह न तो किसी दल का, किसी सरकार का या विपक्ष का सेवक नहीं होता है. मैं विधानसभा कार्य संचालन नियमावली और भारत के संविधान से बंधा हुआ हूं. सदस्यों को हमसे अधिक अपेक्षा हो सकती है, लेकिन मेरे लिए भारत का संविधान और विधानसभा कार्य संचालन […]

पटना : स्पीकर इज सर्वेंट ऑफ द हाउस. वह न तो किसी दल का, किसी सरकार का या विपक्ष का सेवक नहीं होता है. मैं विधानसभा कार्य संचालन नियमावली और भारत के संविधान से बंधा हुआ हूं.
सदस्यों को हमसे अधिक अपेक्षा हो सकती है, लेकिन मेरे लिए भारत का संविधान और विधानसभा कार्य संचालन नियमावली दोनों धर्मग्रंथ हैं. स्पीकर के तौर पर मेरे हाथ इन दोनों ग्रथों से बंधे हुए हैं. 16वीं विधानसभा के लिए बुधवार को जब सभी दलों की राय से जदयू के विधायक विजय कुमार चौधरी को विधानसभा अध्यक्ष चुन लिया गया, तो उन्होंने अासन पर बैठने के बाद बड़े ही सरल भाव में अपनी बात कही.
पांचवीं बार विधायक बने श्री चौधरी इस बार समस्तीपुर जिले के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर आये हैं. आसन पर बैठने के बाद उन्होंने अपने संबोधन में वर्ष 1642 में इंगलैंड में हुए सिविल वार की एक घटना का जिक्र किया. उन दिनों वहां राजा चार्ल्स प्रथम और स्पीकर मिस्टर लेंथल में सुपरमेसी को लेकर शीतयुद्ध चल रहा था. वहां के राजा स्पीकर पर दबाव डाल कर युद्ध में शामिल होने संबंधी प्रस्ताव पारित करवाना चाहते थे. जब स्पीकर मिस्टर लेंथल ने राजा की बातों को नहीं माना, तो राजा स्पीकर के कक्ष तक पहुंच गये. उस समय स्पीकर ने कहा, मेरी आंख आपको नहीं देख रही है.
मेरी जिह्वा बोलने की स्थिति में नहीं है. मैं सिर्फ और सिर्फ सदन के लिए जिम्मेवार हूं. इतिहास के इन तथ्यों को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि स्पीकर सदन का सेवक होता है. मैं पूरी इमानदारी से जिनआकांक्षाओं को लेकर सदस्यों ने आसन पर बैठाया है, उसे पूरी करने की कोशिश करूंगा. सभी के हित में काम करने की कोशिश होगी. यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि पूरे सदन ने मुझ पर विश्वास जताया.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, सदन में बैठे हमलोग सभी खुशनसीब हैं कि जनता ने उन्हें सदन में पहुंचाया है. सदन का जो इतिहास रहा है, उसे वे जानें और उसी अनुसार काम करें.
सभी सदस्यों को कार्य संचालन नियमावली और संविधान की प्रति उपलब्ध करायी जायेगी. इस सदन के लिए यही धर्मग्रंथ हैं. इस बार विधानसभा में उपमुख्यमंत्री समेत 98 सदस्य नये हैं. संविधान में विधानसभा के लिए जो धाराएं हैं, उन्हें सभी सदस्य पढ़ लें. मुझे इतनी ताकत दें कि आप सभी की इच्छा के अनुरूप काम करता रहूं और बिना किसी भेदभाव के आप सभी की सेवा कर सकूं. उन्होंने कहा कि आसन से ऊपर धर्मचक्र होता है और इसमें ही सब कुछ है.
स्पीकर बोलते गये. कहा, थोड़ी देर पहले तक एक दल का सदस्य था, लेकिन आप सब ने ऊपर उठा दिया. सदस्यों ने जो जिम्मेदारी दी है, उसमें सौभाग्य के साथ-साथ चुनौती भी है.
भाव विह्वलता इतनी हो गयी है कि मेरा शब्दकोश सुना पड़ गया है. जिस प्रकार मुख्यमंत्री समेत सभी नेताओं ने तारीफ की, उससे मैं सहमत और उलझन में पड़ता जा रहा था कि क्या वाकई मुझमें इतने गुण हैं? एक पुरानी बात याद आयी, जिससे उलझन खत्म हुई. किसी में सुंदरता हो या फिर अच्छाई हो, वह तो देखनेवालों की आंखों में बसती है. यह तो आपलोगों (सदस्यों) की आंखों की अच्छाई है. नजरों की दरियादिली है कि ऐसे गुण मुझमें देखना चाहते हैं यानी अध्यक्ष के लिए ये सब गुण होने चाहिए.
स्पीकर ने कहा, सरकार व विपक्ष में काम करने का पुराना अनुभव रहा है. अब आसन (स्पीकर पद) पर आया हूं. सभी भूमिकाएं अलग-अलग हैं, लेकिन सभी का लक्ष्य एक होता है- जनहित. सभी सदस्यों से सहयोग की अपेक्षा होगी. सभी ने एक मत से जिस जिम्मेदारी का एहसास कराया है, इससे जुड़ा दायित्व है. सम्मान दिया है, तो चुनौती भी है. जिस सहयोग का भरोसा जताया है, संसदीय काम मैं अच्छे ढंग से निभाऊंगा.
आप सबके हैं, सबका ख्याल रखना होगा : नीतीश
पटना : बिहार विधानसभा के नये स्पीकर विजय चौधरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में बधाई दी. उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में सदन की परंपरा रही है. सदन में कई राजनीतिक दल हैं, जो अलग-अलग राय रखते हैं, लेकिन सदन की गरिमा बनाये के लिए एक-दूसरे के साथ चर्चा कर सर्वानुमति से विजय चौधरी के रूप में अध्यक्ष का चुनाव किया गया है. स्पीकर पद की बड़ी जिम्मेदारी होती है. हम आपके आदेश का पालन करेंगे.
आप भी सभी दलों का ख्याल रखते हुए सदन की कार्यवाही संचालन नियमावली के तहत करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि विजय चौधरी का नाम की स्पीकर पद के लिए चर्चा हुई, तो आपके प्रति सभी दलों का आदर भाव था. आप दल के रूप में निर्वाचित हुए हैं, लेकिन अब आप सबके हैं. सबका ख्याल रखना होगा. सत्ता पक्ष अौर अपनी ओर से आसन को आश्वस्त करता हूं कि हमारी ओर से पूरा सहयोग मिलेगा. साथ ही आसन से अपेक्षा होगी कि वे संसदीय कार्य प्रणाली में कुछ नया करेंगे. पहले से ही वे अनुभवी हैं और यह अनुभव उन्हें काम करेगा. अध्यक्ष पद पर रहते हुए गरिमा का ख्याल करेंगे और अपनी ओर से ऐसा काम करेंगे कि जो उनके व्यक्तित्व में चार चांद लगायेगा. सीएम ने कहा कि 1982 में विधानसभा उपचुनाव से विजय चौधरी जीत कर आये थे. 1985-90 के बीच मैं खुद विधायक था. दोनों आमने-सामने थे. उस समय भी जनहित के मुद्दों पर आपसे सहयोग मिलता था. जरूरी मौकों पर एक-दूसरे का समर्थन करते थे. आशा है कि उसी तरह का वातावरण सदन में बनाने में कामयाब होंगे.
विधानसभा में एक बार नियमों व मान्यताओं को ताक पर काम हो चुका है, जिससे उन्हें पीड़ा भी हुई. उन्हें उम्मीद है कि आप ऐसा नहीं करेंगे. पंच के मंच पर बैठा व्यक्ति न किसी का दोस्त होता है और न ही किसी का दुश्मन होता है. इस आधार पर विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी अपने उत्तरदायत्वि को निभायेंगे.
जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम
बोले स्पीकर
पार्टी, सरकार या विपक्ष का नहीं, सदन का सेवक
बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए करूंगा काम
विधायकों को कार्य संचालन नियमावली के साथ-साथ संविधान की प्रति भी करायी जायेगी उपलब्ध
सरकार, विपक्ष, स्पीकर की होती है अलग-अलग भूमिका, पर जनहित सभी के लिए होता है एक लक्ष्य.

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