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प्राथमिक शिक्षकों के डॉक्यूमेंट की जांच हुई शुरू

पटना : राज्य में सभी स्तर के नियोजित शिक्षकों की जांच निगरानी विभाग कर रहा है. इसमें उच्चतर माध्यमिक और माध्यमिक स्तर के शिक्षकों की जांच लगभग पूरी हो चुकी है. अब प्राथमिक स्तर के शिक्षकों की जांच शुरू होने जा रही है. इसके लिए निगरानी विभाग ने राज्य के सभी नियोजन इकाईयों से शिक्षकों […]

पटना : राज्य में सभी स्तर के नियोजित शिक्षकों की जांच निगरानी विभाग कर रहा है. इसमें उच्चतर माध्यमिक और माध्यमिक स्तर के शिक्षकों की जांच लगभग पूरी हो चुकी है. अब प्राथमिक स्तर के शिक्षकों की जांच शुरू होने जा रही है. इसके लिए निगरानी विभाग ने राज्य के सभी नियोजन इकाईयों से शिक्षकों के सभी डॉक्यूमेंट्स को जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
राज्य में प्राथमिक स्तर पर नियोजित शिक्षकों की संख्या सवा तीन लाख से ज्यादा है. इस आधार पर इनके सभी प्रमाण-पत्रों की संख्या करीब 15 लाख हो जायेगी, जिनकी जांच निगरानी विभाग को करनी है.
इतनी बड़ी संख्या में प्रमाण-पत्रों या डॉक्यूमेंट की जांच करना और इन्हें रखना बहुत बड़ी चुनौती है. इसके लिए निगरानी ने सभी जिलों में एसपी को खासतौर से निर्देश दिये हैं. संबंधित जिलों के प्राथमिक शिक्षकों के दस्तावेजों को उसी जिले में रखा जायेगा. इसके लिए एसपी की
देखरेख में एक सुरक्षित स्थान का चयन किया जायेगा.
प्रमाण-पत्रों की जांच करने के लिए सभी जिले में निगरानी की एक-एक टीम बनायी गयी है, जो सिर्फ प्राथमिक शिक्षकों की जांच करेगी. हालांकि सभी जिलों में निगरानी का अपना कार्यालय मौजूद है. सभी जिलों के जांच की मॉनीटरिंग मुख्यालय स्तर
से की जायेगी. इसके लिए
मुख्यालय स्तर से सभी जिलों में एक-एक पदाधिकारी खासतौर से तैनात किये जायेंगे.
150 से ज्यादा शिक्षक मिल चुके फर्जी
उच्चतर माध्यमिक और माध्यमिक स्तर के तकरीबन सभी एक लाख शिक्षकों की जांच अब तक हो चुकी है. इसमें शिक्षकों के दो लाख से ज्यादा डॉक्यूमेंट का सत्यापन किया जा चुकी है.
इसमें अब तक 150 से ज्यादा शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी मिल चुके हैं, जिन पर एफआइआर दर्ज हो चुकी है. इन फर्जी शिक्षकों के नाम पर भी एफआइआर दर्ज किया जा चुका है. अब तक पटना, जहानाबाद, बांका, मोतिहारी, गोपालगंज, छपरा, बेगूसराय समेत 25 जिलों में 147 एफआइआर दर्ज किये जा चुके हैं. 40 हजार से ज्यादा दस्तावेज दूसरे राज्यों में स्थित संस्थानों के हैं. इसमें फर्जीवाड़ा के मामले सबसे ज्यादा हैं. दूसरे राज्यों के बीएड या अन्य दस्तावेजों में आधा से ज्यादा फर्जी ही पाये गये हैं.
12 नियोजन इकाईयों पर भी केस
राज्य में उच्चतर माध्यमिक और माध्यमिक स्तर के शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के दौरान कई नियोजन इकाईयां भी ऐसी हैं, जिन्होंने सभी शिक्षकों के दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किये हैं. इन नियोजन इकाईयों ने निगरानी के बार-बार कहने के बाद भी कुछ शिक्षकों के आधे-अधूरे, कुछ के डॉक्यूमेंट दिये ही नहीं हैं. ऐसी 12 नियोजन इकाईयों पर भी निगरानी ने एफआइआर दर्ज की है. इसमें पटना, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, जहानाबाद, खगड़िया, रोहतास, मुंगेर समेत अन्य शामिल हैं.

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