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कैट में बदलाव के साथ हुई परीक्षा, मैथ और रिजनिंग ने किया परेशान (न्यू)

कैट में बदलाव के साथ हुई परीक्षा, मैथ और रिजनिंग ने किया परेशान (न्यू)- शीर्ष प्रबंधन संस्थानों में दाखिले के लिए हुई कैट की परीक्षा- कैट एग्जाम में बदलाव से वह और हुआ बेहतर – तीन सेक्शन में बंटा हुआ था प्रश्नपत्र, 100 प्रश्न हल करने के लिए मिले तीन घंटे- नेट से प्रिंट आउट […]

कैट में बदलाव के साथ हुई परीक्षा, मैथ और रिजनिंग ने किया परेशान (न्यू)- शीर्ष प्रबंधन संस्थानों में दाखिले के लिए हुई कैट की परीक्षा- कैट एग्जाम में बदलाव से वह और हुआ बेहतर – तीन सेक्शन में बंटा हुआ था प्रश्नपत्र, 100 प्रश्न हल करने के लिए मिले तीन घंटे- नेट से प्रिंट आउट आधार कार्ड पर नहीं मिली सेंटर पर इंट्री, परीक्षार्थियों का हंगामा – बदलाव के बाद कुछ लाभ मिला स्टूडेंट्स को लाइफ रिपोर्टर.पटनादेश के प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थानों में दाखिले के लिए कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) 2015 का आयोजन रविवार को शहर में हुआ. देश में 136 शहरों में 650 सेंटर पर कैट- 2015 का एग्जाम शांतिपूर्ण हुआ. एग्जाम दो शिफ्ट में हुआ. मॉनिंग शिफ्ट में सुबह 7.30 बजे सेंटर पर स्टूडेंट्स पहुंचने लगे. जहां एग्जाम 8.45 पर शुरू हो गया. नौ बजे कंप्यूटर स्क्रीन पर ग्रीन मार्क दिखते ही सवाल का जवाब देना परीक्षार्थियों ने शुरू कर दिया. इसी तरह दोपहर की शिफ्ट में 1 बजे परीक्षार्थियों ने रिपोर्ट किया और एग्जाम दोपहर 2.15 बजे से शुरू होकर साढ़े पांच बजे शाम तक चला. सेंटर पर आइडी प्रूफ को लेकर परेशानी भी हुई. पटना के सेंटर यूएनओ डिजिटल लैब में कई स्टूडेंट्स को एग्जाम देने से वंचित कर दिया गया. आधार कार्ड के ऑनलाइन प्रिंट को सेंटर पर मान्यता नहीं दी गयी और करीब 20-30 स्टूडेंट्स को एग्जाम देने से वंचित कर दिया गया. सेंटर पर दो आइडी प्रूफ के साथ एक आइकार्ड लाना अनिवार्य किया गया था. दस मिनट का मिला अतिरिक्त समय इस बार स्टूडेंट को एग्जाम में 10 मिनिट का अतिरिक्त समय दिया गया. बता दें कि दो साल से लगातार कैट का पैटर्न बदल रहा है और इस बार हुए बदलाव ने परीक्षार्थियों को थोड़ी राहत दी. आइआइएम, अहमदाबाद की ओर से आयोजित होनेवाला यह एग्जाम पूरी तरह से आॅनलाइन हुआ. परीक्षा देकर निकलेवाले परीक्षार्थियों ने बताया कि पैटर्न में कई बदलाव देखने को मिले, लेकिन इसका फायदा इस बार मिला. 2014 में इसका फायदा नहीं मिल पाया था. 2014 में समय बढ़ा, तो क्वेशचन की संख्या भी बढ़ गयी थी. 2014 में एग्जाम 140 मिनट से बढ़ा कर 170 मिनट किया गया था. एग्जाम में 100 क्वेश्चन को दो सेक्शन में बांटा गया था. दोनों सेक्शन में 50-50 क्वेश्चन पूछे गये थे, लेकिन इस बार परीक्षार्थियों को दस मिनट का एक्स्ट्रा समय दिया गया. अभी तक यह एग्जाम 170 मिनट का होता था, जिसके समय में बढ़ोतरी करते हुए 180 मिनट कर दिया गया. इसके साथ अब दो के बजाय तीन सेक्शन में प्रश्न पूछा गया. इस बार से डॉटा इंटरप्रिटिशन एंड लॉजिकल रिजनिंग (डीआइएलआर) नाम से एक और सेक्शन प्रश्न पत्र में शामिल किया गया. जबकि पहले क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूट व वर्बल एंड रिडिंग कांप्रिहेंशन नामक दो ही सेक्शन थे. हालांकि डीआइएलआर कैट के लिए कोई नयी चीज नहीं है. पहले डॉटा इंटरप्रिटिशन के प्रश्नों को क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूट में लेते थे. दस मिनट का यह बदलाव इसलिए किया गया है कि परिक्षार्थियों को सभी सेक्शन को सॉल्व करने में बराबर समय मिले. यानी एक सेक्शन को एक घंटे का समय. एक घंटे का समय पूरा होता ही प्रश्न पत्र दूसरे सेक्शन में जायेगा और पहले सेक्शन को पूरा किए बिना दूसरे सेक्शन नहीं खुलेगा.————— बातचीत मेरा पहला मौका था एग्जाम देने का. इसके लिए तैयारी काफी थी. मुझे मैथ के कुछ सवालों ने काफी परेशान किया. वैसे जो पारा जबलिंग पढ़ा, वह काफी काफी फायदेमंद रहा. – रचनाबेसिक मैथ्स और रिजनिंग ने परेशानी में डाला. क्वांटिटी एबिलिटी से ज्यादा आसान वर्बल एबिलिटी के प्रश्न रहे. पैटर्न बदलाव का कोई खास फायदा समझ में नहीं आया. – नेहापैटर्न बदलाव के बाद तो सवाल इजी रहे. पेपर अच्छा गया है. तैयारी के मुताबिक ठीक रहा. कठिन सवाल के चक्कर में मैं नहीं पड़ा. रिजनिंग और मैथ ने थोड़ा परेशान किया.- रौशनक्वांटिटी एबिलिटी के प्रश्न इजी रहे. बदलाव का कोई अधिक फायदा नहीं मिला. समय को और बढ़ाना चाहिए था. डिस्क्रप्टिव प्रश्न ने थोड़ा कन्फूज किया. डिस्क्रप्टिव का जवाब डायरेक्ट स्क्रीन पर टाइप करना था. – सुमितडाटा इंटरप्रिटेशन एंड लॉजिकल रीजनिंग बेहतर रहा. इसमें 16-16 दोनों से प्रश्न पूछे गये. इंग्लिश के प्रश्न काफी इजी थे. इस बार ग्रामर एरर नहीं पूछा गया. – मनीषाऑन-स्क्रीन कैल्कुलेटर का फायदा मिला. डिस्क्रप्टिव वाले प्रश्न ने थोड़ा परेशान किया. क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूड, डाटा इंटरप्रिटेशन एंड लॉजिकल रिजनिंग में रिजनिंग ने थोड़ा परेशान किया. – दीक्षा———————-कैट 2015 एग्जाम अपने 2008 तक के क्लासिक पैटर्न पर वापस लौट आया है, जहां पर तीन सेक्शन हुआ करते थे. सबसे अहम बात यह है कि नॉन-मल्टिपल च्वॉइस क्वेश्‍चंस की एंट्री से ये अब अलग-अलग बैकग्राउंड्स से आने वाले कैंडीडेट्स के लिए भी वैसा ही साबित होगा, जैसा कि किसी खास बैकग्राउंड के कैंडीडेट्स के लिए. कैट 2015 में हुए कुछ बड़े बदलावों पर एक नजर—100 प्रश्न के लिए थे तीन सेक्शनएग्जाम में पैटर्न काफी बदला हुआ था. कैट 2014 में जहां 170 मिनट मिला करते थे वहीं कैट 2015 में अब उन्हें 180 मिनट यानी तीन घंटे कर समय प्रश्न को सॉल्व करने के लिए मिले. पहले कैट में दो सेक्शन थे. वहीं इस बार तीन सेक्शन हो गया. क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूड (क्यूए), डाटा इंटरप्रिटेशन एंड लॉजिकल रीजनिंग (डीआइएलआर) और वर्बल एंड रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन (वीआरसी) थे. इसमें 100 प्रश्न थे. क्यूए और वीआरसी में 34-34 प्रश्न और डीआइएलआर में 32 प्रश्न पूछे गये. इस बार हर सेक्‍शन के लिए लिमिटेड 60 मिनट दिये गये, जो पिछली बार के एग्जाम पैटर्न में नहीं था. ऑन स्‍क्रीन कैल्‍कुलेटर से मिला लाभ कैट 2015 में पहली बार परीक्षार्थियों को कैल्कुलेशन के लिए बेसिक ऑन-स्क्रीन कैल्कुलेटर का इस्तेमाल करने की इजाजत दी गयी. लेकिन एक सेक्‍शन को आंसर करते वक्त दूसरे सेक्शन पर जाने की अनुमति नहीं थी. डिस्क्रिप्टिव प्रश्न पूछे गयेहर सेक्शन में कुछ ऐसे प्रश्न थे जो मल्टिपल च्वॉइस टाइप नहीं थे. बल्कि डिस्क्रिप्टिव था. स्टूडेंट्स ने बताया कि करीब 15 डिस्क्रप्टिव प्रश्न था. इसका जवाब डायरेक्ट स्क्रीन पर टाइप कर कर दिया गया. इस बार हर प्रश्न तीन अंक कैरी करेगी. मल्टिपल-च्वॉइस ऑब्‍जेक्टिव प्रश्न गलत रहने पर एक अंक की निगेटिव मार्किंग की जायेगी. डिस्क्रिप्टिव टाइप प्रश्न के लिए कोई निगेटिव मार्किंग नहीं रखी गयी है. नेट के प्रिंट आउट पर सेंटर पर नहीं मिला प्रवेशकैट एग्जाम में परीक्षार्थियों ने जम कर यूएनओ सेंटर पर हंगामा किया. करीब 20-30 की संख्या में स्टूडेंट्स को परीक्षा से वंचित होना पड़ा. सभी स्टूडेंट्स नेट से आधार कार्ड का प्रिंट आउट लेकर सेंटर पर पहुंचे थे. लेकिन, सेंटर पर इन सभी स्टूडेंट्स को प्रवेश करने से रोक दिया गया. इसके बाद छात्र ने कहा कि एडमिट-कार्ड से लेकर परिचय पत्र में मेरा फोटो है लेकिन, इसके बाद भी सेंटर पर इंट्री नहीं मिली. यह तानाशाही है. परीक्षा से वंचित कई स्टूडेंट्स काफी उदास हो कर घर लौट गये.

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