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गलती यूनिवर्सिटी, सजा भुगत रहे छात्र

गलती यूनिवर्सिटी, सजा भुगत रहे छात्र- स्क्रूटनी में देरी का खामियाजा भुगतने को मजबूर हैं छात्र – स्क्रुटनी के बाद परीक्षा में ‌उतीर्ण होने के बाद भी नहीं अगले क्लास में नहीं हो पाता प्रमोशन और नहीं भर पाते परीक्षा फॉर्म – स्क्रूटनी में उतीर्ण छात्रों के लिए अलग से फार्म भरने की तिथि निकाले […]

गलती यूनिवर्सिटी, सजा भुगत रहे छात्र- स्क्रूटनी में देरी का खामियाजा भुगतने को मजबूर हैं छात्र – स्क्रुटनी के बाद परीक्षा में ‌उतीर्ण होने के बाद भी नहीं अगले क्लास में नहीं हो पाता प्रमोशन और नहीं भर पाते परीक्षा फॉर्म – स्क्रूटनी में उतीर्ण छात्रों के लिए अलग से फार्म भरने की तिथि निकाले जाने से होती है समस्या संवाददाता, पटनागलती पटना विश्वविद्यालय का और भरना छात्रों को पड़ रहा है. स्क्रूटनी में ‌देरी होने और उसमें उत्तीर्ण छात्रों के लिए फॉर्म भरने की तिथि नहीं निकाले जाने से यह परेशानी उत्पन्न हो रही है. इस वजह से छात्र फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं और उन्हें एक साल बैक इयर लग जा रहा है. इस वजह से छात्रों का एक साल बर्बाद हो जा रहा है. ऐसे छात्र यूनिवर्सिटी से कॉलेज व कॉलेज से यूनिवर्सिटी का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. पटना विश्वविद्यालय के छात्रों की यह समस्या हर वर्ष रहती ही है. कॉलेज कहता है कि विवि को अगले क्लास में प्रमोशन के लिए तिथि निकालनी है और विवि कहता है कि यह कॉलेज का मामला है. विवि में हर वर्ष बड़ी संख्या में एेसे छात्र इससे प्रभावित होते हैं जिनका रिजल्ट खराब होता है. उसके बाद वे स्क्रूटनी के लिए देते हैं. उसमें फेल या पास होते हैं. अगर फेल हुए तो कोई बात नहीं लेकिन अगर पास हुए तो भी उनका प्रमोशन अगले क्लास में नहीं हो पाता हैं क्योंकि तब तक फॉर्म फरने की तिथि समाप्त हो चुकी होती है और मजबूरीवश छात्र को उसी क्लास में रहना पड़ता है. छात्र नेता राज सिन्हा कहते हैं तो फिर स्क्रूटनी का क्या मतलब है. उसका आैचित्य क्या है. जब पास होने के बाद भी छात्र को फेल छात्रों के साथ ही अगले साल जूनियर छात्रों के साथ परीक्षा देनी पड़े. इससे छात्र फेल तो होता ही है, छात्रों को मानसिक रूप से भी प्रताड़ना झेलनी पड़ती है. बसंत चौधरी (बीएससी, जूलोजी, साइंस कॉलेज) : मेरा रिजल्ट आ गया है लेकिन मेरा थर्ड इयर में एडमिशन नहीं हो रहा है. मई में परीक्षा हुई थी. रिजल्ट जून में आया था. 5 दिन में स्क्रूटनी के लिए दिये थे लेकिन अभी पांच दिन पहले रिजल्ट आया है. यानी करीब 5 महीने तक मैं इंतजार करता रहा. अब तिथि समाप्त हो चुकी है और एेसे में मेरा साल बर्बाद होना तय है. ऐसे और भी कई छात्र दूसरे कक्षाओं और कॉलेजों के होते हैं जिन्हें यह परेशानी सहनी पड़ती है. प्रो यूके सिन्हा (प्राचार्य, साइंस कॉलेज) : छात्र को कोई गलती इसमें नहीं है. छात्रों के भविष्य पर इसका खराब प्रभाव पड़ता है. यूनिवर्सिटी को चाहिए कि वह जल्द ही छात्रों की कॉपियों का स्क्रुटनी कराकर रिजल्ट जारी करें ताकी समय पर छात्र एडमिशन ले सकें. नामांकन के लिए तिथि विवि ही निकाल सकती है तिथि समाप्त होने के बाद नियमत: हम एडमिशन नहीं ले सकते. संजय कुमार सिन्हा (रजिस्ट्रार, पीयू) : ऐसा कोई मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है. अगर एेसा है तो छात्र इसके विरूद्ध कंपलेन करें. फिर देखेंगे कि ऐसा क्यों हो रहा है और इसपर क्या किया जाना चाहिए.

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