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पुलिस हेडक्वार्टर में सुलङोगा लीगल मैटर

पटना: लीगल मैटर को पुलिस हेडक्वार्टर में सुलझाने के लिए वरीय वकीलों की तैनाती होगी. राज्य पुलिस मुख्यालय ने मुकदमों की बढ़ती संख्या व पटना उच्च न्यायालय से आये दिन होने वाले फैसलों के अनुपालन में होने वाली परेशानियों को सुलझाने के लिए लीगल एक्सपर्ट को रखने का निर्णय लिया है. लीगल एक्सपर्ट की संविदा […]

पटना: लीगल मैटर को पुलिस हेडक्वार्टर में सुलझाने के लिए वरीय वकीलों की तैनाती होगी. राज्य पुलिस मुख्यालय ने मुकदमों की बढ़ती संख्या व पटना उच्च न्यायालय से आये दिन होने वाले फैसलों के अनुपालन में होने वाली परेशानियों को सुलझाने के लिए लीगल एक्सपर्ट को रखने का निर्णय लिया है.

लीगल एक्सपर्ट की संविदा पर नियुक्ति की जायेगी. उन्हें प्रति केस 600 रुपये का भुगतान बतौर फीस दिया जायेगा. इसके साथ ही 150 रुपये केस संबंधित कागजात तैयार करने को लेकर दिया जायेगा. पुलिस मुख्यालय की ओर से इसके लिए प्रस्ताव आमंत्रित किया गया है. इसके लिए अबतक 35 वकीलों ने अपने आवेदन व विशेषज्ञता के अनुभव के प्रमाण पुलिस मुख्यालय को सौंपे है.

पुलिस से जुड़े मामलों में कानूनी मसलों को जिलों में एपीपी देखते हैं, जबकि राज्य स्तर पर वकील देखते हैं.

कानूनी जरूरतों को करेंगे पूरा
पटना उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में पुलिस मुख्यालय के पक्ष को रखने के पूर्व जब कागजात तैयार किये जाते हैं, तो उसके लिए आवश्यक कानूनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जानकारी रखनेवालों का अभाव है. ज्यादातर कार्य प्रशाखा पदाधिकारी व सहायकों द्वारा किया जाता है. इसके साथ ही भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को मात्र सीआरपीसी, आइपीसी की जानकारी होती है. इसके इतर मनी लांड्रिंग एक्ट, मानव व्यापार अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम सहित कई कानूनों का हर वक्त इस्तेमाल पुलिस द्वारा किया जाता है. पुलिस मुख्यालय स्तर पर वकीलों की राय के बाद भी कई बार कागजात में आवश्यक तथ्यों का समावेश नहीं होने से पुलिस की फजीहत होती है.

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