नवादा जिले के वारसलीगंज थाना कांड संख्या 465#2014 मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ए अमानुल्लाह की कोर्ट ने यह आदेश दिया. इस केस में अपराधी शंकर कुमार सोनार की प्रोविजनल जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान विक्की कुमार नाम का युवक कोर्ट में उपस्थित हो गया. उसने कहा कि मैं ही शंकर कुमार सोनार हूं और इस आधार परनवादा जिला कोर्ट से शंकर कुमार सोनार को प्रोविजनल जमानत मिल गयी . बाद में इस बात की जानकारी नवादा कोर्ट को मिली कि किसी गलत व्यक्ति ने कोर्ट में हाजिर होकर दूसरे के नाम की जमानत ले ली है तो इस मामले को पटना हाई कोर्ट रेफर कर दिया गया.
हाइकोर्ट ने रजिस्ट्रार जेनरल को इसकी जांच की जिम्मेवारी सौंपी. सुनवाई के दौरान विक्की कुमार को शंकर कुमार सोनार के रूप में पहचानने वाले रामरंजन कुमार, कन्हैया कुमार और शिशिर कुमार को कोर्ट में तलब किया गया था. तीनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने विक्की कुमार को ही सोनार के रूप में पहचान की थी. रजिस्ट्रार जेनरल ने जांच में इस तरह के मामले को सही पाया और कोर्ट को बताया कि दूसरी जगहों पर भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें वास्तविक अपराधी के नाम पर कोई और आदमी कोर्ट में खड़ा होकर जमानत ले ले रहा है. कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान पुलिस मुख्यालय में एडीजी सुनील कुमार को भी तलब किया था. कोर्ट ने एडीजी को भी इस पूरे मामले की तहकीकात कर दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया.