पटना सिटी: महात्मा गांधी सेतु व एनएच पर महाजाम से सोमवार को भी लोगों को राहत नहीं मिली, बीते चार दिनों से चल रहे जाम की वजह से सोमवार की सुबह से सेतु पर वाहनों का दबाव बना था, जिस कारण दिनभर करीब 12 घंटे तक रुक-रुक कर जाम लग रहा था. महाजाम में फंसे लोगों की स्थिति यह थी कि महज एक से डेढ़ घंटे का सफर तीन से चार घंटे में तय हो रहा था.
सेतु पर जाम की यह स्थिति पटना से हाजीपुर जाने वाले लेन पर अधिक बनी थी. पुलिसकर्मियों की मानें, तो हाजीपुर में डिवाइडर टूटा है, जिस कारण वाहन चालक रांग साइड से वाहनों को निकालते हैं, इससे भी समस्या ज्यादा गहरा गयी है.
एनएच पर भी यही स्थिति : राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 30 पर भी रुक-रुक कर जाम लगने का सिलसिला कच्ची दरगाह दीदारगंज से लेकर नंदलाल छपरा के बीच में बनी थी. सेतु पर जाम के प्रभाव के साथ इस मार्ग पर भी वाहनों के दबाव रहने व ओवरटेक की वजह से जाम की समस्या उत्पन्न हो जा रही थी. जाम से निपटने के लिए दीदारगंज, अगमकुआं, बाइपास थाना के साथ यातायात थाना व जिला से आये पुलिस बल व रेगुलेशन मोबाइल भी लगी थी.
पुलिस की कोशिश नाकाम
परिचालन वन-वे होने, सोनपुर मेला को लेकर वाहनों का दबाव बढ़नेे, ओवरटेक व बेतरतीब परिचालन के साथ वीआईपी मूवमेंट की वजह जाम की स्थिति बन जा रही है. जाम से निपटने के लिए यातायात पुलिस व पदाधिकारी व स्थानीय थाना की पुलिस के साथ जिला से आये पुलिस बल को भी लगाया गया है, लेकिन वाहनों के बढ़ते दबाव से पुलिसकर्मियों की भी नहीं चल पा रही थी. उनकी कोशिश नाकाम होने से जाम की समस्या गंभीर हो जाती थी. स्थिति यह थी जाम से वीआइपी को निकालने में पुलिसकर्मियों को रांग साइड का सहारा लेना पड़ रहा था. सोनपुर मेला के उद्घाटन को लेकर सेतु पर वीआइपी मूवमेंट भी बढ़ गया था, जिसमें राजनेता व अफसरों के साथ सेतु पर अन्य माननीय थे. जाम में एम्बुलेंस से लेकर यात्रियों तक के वाहनों को फंसना पड़ रहा था.
जाम की मूल वजह
वनवे परिचालन : पाया संख्या 36 से ही वाहनों का डार्यवर्सन पाया संख्या 46 के बीच में कर परिचालन एक लेन हाजीपुर से पटना आने वाले मार्ग पर होता है.
ट्रकों का दबाव : सोनपुर मेले में दुकानों को सजाने के लिए ट्रकों व मालवाहक वाहनों पर व्यापारिक वस्तुओं को लाद कर ले जाया जा रहा है, जिससे भी दबाव बढ़ा है.
वाहनों का दबाव बढ़ना : त्योहार के बाद घर से वापस लौटने की होड़ के साथ वाहनों का दबाव सेतु पर बढ़ गया है, जिससे जाम की समस्या गंभीर हो रही है.
नहीं मानते कानून, मनमर्जी से लगता है जाम.
ओवरटेक व बेतरतीब परिचालन भी है जिम्मेवार.
40 से 45 हजार छोटे- बड़े वाहनों का दबाव जर्जर सेतु पर कायम रहने से लगता है जाम.