फ्री जांच और रैली निकाल कर लोगों को किया गया जागरूक
पटना में 4429 लोग डायबिटीज से ग्रसित
पटना : पटना सहित पूरे बिहार में मधुमेह की समस्या तेजी से बढ़ रही है. लोग को पता भी नहीं चलता कि वह कब इस बीमारी की चपेट में आ गया. पूरी दुनिया के 10 फीसदी लोग मधुमेह से ग्रसित हैं. अकेले पटना में 4 हजार 429 लोग डायबिटीज के पेसेंट हैं. पूरे वर्ल्ड में हर 20 लाख लोगों की मृत्यु इस बीमारी से हो जाती है. वहीं, बिहार में 20 प्रतिशत युवा इस रोग से पीड़ित हैं. ये बातें शनिवार को न्यू गार्डिनर रोड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कही गयीं.
विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर राज्य स्वास्थ्य समिति व नोवो नोरडिस्क एजुकेशन फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत रैली निकाल कर की गयी. राज्य कार्यक्रम अधिकारी डाॅ मनोज कुमार सिन्हा के नेतृत्व में आयोजित यह रैली अस्पताल से होकर हड़ताली मोड़ तक गयी. डाॅ मनोज सिन्हा ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को इस रोग से अवगत करना है. उन्होंने बताया कि पटना सहित पूरे बिहार में 11 से 20 साल के युवा भी मधुमेह की बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. एसीएमओ डाॅ राजेंद्र प्रसाद सिन्हा ने कहा कि इस बीमारी को समय रहते इस पर नियंत्रित, ब्लड की जांच करा आसानी से बच सकते हैं.
100 की जांच, 12 मरीजों में पाया गया मधुमेह
पब्लिक अवेयरनेस फॉर हेल्थ एपरोच फॉर लिविंग की ओर से शनिवार को फ्री मधुमेह जांच कैंप का आयोजन किया गया. कैंप का आयोजन डाॅ दिवाकर तेजस्वी क्लीनिक में किया गया. मौके पर डा तेजस्वी ने कहा कि संक्रमित निडिल, सिरींज सूई के चुभने से गर्भवती महिला में संक्रमण हो जाता है. उन्होंने कहा कि कैंप में 100 लोगों की जांच की गयी. इनमें से 12 मरीजों में मधुमेह की शिकायत एवं 5 लोगों में हेपेटाइटिस बी व सी पाया गया.
सही डाइट लें, तो हो सकता है कंट्रोल
विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर आधार महिला एवं डायबेट्स एंड ओबेसिटी केयर सेंटर की ओर से बोरिंग केनाल रोड में फ्री मधुमेह जांच व जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
इस शिविर में डा सुभाष कुमार ने 100 से अधिक लोगों की मधुमेह जांच की. इनमें 37 लोगों में डायबिटीज का स्तर अधिक पाया गया. मौके पर मौजूद डाॅ सुमिता ने बताया कि लोग अपने डाइट पर ध्यान दें, तो इस पर काबू पाया जा सकता है. आधार महिला विकास स्वालंबी सहकारी समिति के अध्यक्ष डाॅ गीता जैन ने कहा कि बिहार में 50 प्रतिशत लोगों में जागरूकता की कमी है.