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अब पंचायत चुनाव की बारी, नहीं होगा पुनर्गठन
पटना : राज्य में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. अप्रैल-मई में चुनाव होने वाले हैं. राज्य निर्वाचन आयोग आयोग ने चुनाव को लेकर पहले चरण की कार्रवाई आरंभ कर दी है. मतदाता सूची की तैयारी को लेकर तिथि निर्धारित कर दी गयी है. अप्रैल-मई 2016 में होनेवाले चुनाव में त्रिस्तरीय पंचायत के किसी […]
पटना : राज्य में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. अप्रैल-मई में चुनाव होने वाले हैं. राज्य निर्वाचन आयोग आयोग ने चुनाव को लेकर पहले चरण की कार्रवाई आरंभ कर दी है. मतदाता सूची की तैयारी को लेकर तिथि निर्धारित कर दी गयी है. अप्रैल-मई 2016 में होनेवाले चुनाव में त्रिस्तरीय पंचायत के किसी भी पद की संख्या में बदलाव नहीं होगा.
पूर्व से चले आ रहे पदों पर ही चुनाव कराये जायेंगे. जनगणना 2011 के आंकड़े आने के बाद पंचायतों सहित हर वार्ड के जनसंख्या में काफी वृद्धि हो चुकी है. वर्तमान मेें राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत की कुल 259914 हैं. बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 में जनसंख्या के आधार पर पंचायतों के गठन का प्रावधान किया गया है. अधिनियम में स्पष्ट कहा गया है कि त्रिस्तरीय पंचायतों में पंचायत सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और जिप परिषद के सदस्य के लिये जनसंख्या का निर्धारण किया जाना है.
पंचायत के गठन के लिये यह व्यवस्था की गयी है कि हर 500 की आबादी या उसके निकट की जनसंख्या पर एक पंचायत सदस्य का सीधे निर्वाचन के माध्यम से चयन किया जाना है.
इसी तरह से प्रति पांच हजार की आबादी या उसके निकट की जनसंख्या पर एक मुखिया का सीधे निर्वाचन किया जाना है. दूसरे स्तर पंचायत समिति के सदस्य का चयन किया जाता है. प्रति पांच हजार पर पंचायत समिति के एक सदस्य का चुनाव किया जाना है. तीसरे स्तर पर प्रावधान है कि जिले के प्रति 50 हजार की आबादी पर एक जिला परिषद के सदस्य का चुनाव किया जायेगा.
अब जनगणना 2011 के आंकड़े आ चुके हैं. इसके अनुसार हर वार्ड, हर पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद के सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र की जनसंख्या में काफी वृद्धि हो सरकार का निर्णय है कि अब पंचायतों का पुनर्गठन 20125 में ही किया जायेगा.
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