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राजनीतिक पार्टियों को चंदा देकर बचने की जुगत
हवाला रैकेट में शामिल कनौडिया बंधु, पटवारी ग्रुप समेत अन्य व्यापारी अपनी काली कमाई को दिलाते थे राजनीतिक संरक्षण पटना : हवाला रैकेट और टैक्स चोरी करके अवैध कमाई करने वाले कनौडिया बंधु, पटवारी ग्रुप समेत कुछ अन्य व्यापारी अपनी काली कमाई को राजनीतिक संरक्षण भी देते थे. इसके लिए ये व्यापारी राजनीतिक पार्टियों को […]
हवाला रैकेट में शामिल कनौडिया बंधु, पटवारी ग्रुप समेत अन्य व्यापारी अपनी काली कमाई को दिलाते थे राजनीतिक संरक्षण
पटना : हवाला रैकेट और टैक्स चोरी करके अवैध कमाई करने वाले कनौडिया बंधु, पटवारी ग्रुप समेत कुछ अन्य व्यापारी अपनी काली कमाई को राजनीतिक संरक्षण भी देते थे. इसके लिए ये व्यापारी राजनीतिक पार्टियों को मोटा चंदा भी देते थे. कुछ राजनीतिक दलों को चंदे की ये रकम कुछ ज्यादा होती थी.
जिस पार्टी से जैसी सेटिंग या जिससे जितना फायदा, उसको उस हिसाब से देते थे चंदा. कुछ दिनों पहले इनकम टैक्स की हुई छापेमारी के दौरान जब्त कागजातों और मोबाइल के एसएमएस की जांच करने पर इन बातों का खुलासा हुआ है. इन व्यापारियों की अपनी काली कमाई को बचाने या व्हाइट करने या सुरक्षित रखने के कई हथकंडे सामने आये हैं.
काली कमाई को राजनीतिक कवच
टैक्स चोरी की ब्लैक मनी हवाला समेत अन्य माध्यमों से इधर-उधर व्यापारी करते थे. साथ ही इन ब्लैक मनी को व्हाइट करने या इसे सुरक्षित रखने के लिए इसे राजनीतिक कवच से ढकते भी थे. इसके लिए कनौडिया बंधु के अलावा इनके जैसे अन्य बड़े व्यापारी राजनीतिक पार्टियों को मोटा चंदा दिया करती थी. इनके चंदे की रकम चुनाव में कई गुणा बढ़ गयी थी. अपनी सेटिंग-गेटिंग के आधार पर ही ये पार्टियों को चंदे की रकम देते थे. जिसके साथ जैसी ट्यूनिंग या जिससे जिस स्तर का लाभ लेना हो, उसे उतनी मोटी रकम देते थे.
ब्लैक मनी को बचाने के लिए ये तमाम हथकंडे को अपनाते थे. हालांकि कनौडिया बंधु और पटवारी ग्रुप के अलावा दो-तीन जिन अन्य बड़े व्यापारियों के यहां छापेमारी हुई है, उनके कागजात अभी आयकर विभाग खंगाल रही है. इसके बाद ही इनके नामों का सही तौर पर खुलासा किया जायेगा. परंतु यह स्पष्ट है कि सभी बड़े व्यापारियों का ‘ब्लैक मनी बिजनेस’ का तरीका एक समान ही है.
कुछ अन्य का भी नंबर!
इन बड़े व्यापारियों से जुड़कर कुछ अन्य व्यापारी भी अपनी ब्लैक मनी को बड़े स्तर पर संरक्षित करने का काम करते हैं. बड़े व्यापारियों के साये में फलने-फूलने या इनकी ब्लैक मनी के साथ अपनी हिस्सेदारी करने वाले कुछ अन्य व्यापारियों पर भी आयकर और ईडी का शिकंजा कस सकता है. फिलहाल ‘लाइन- टू’ के इन व्यापारियों की कुंडली खंगालने का काम चल रहा है. इसके बाद कभी भी इन पर सख्त कार्रवाई हो सकती है.
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