फ्रेजर रोड के होटल में ठहरा था मोनू
पटना: आइएम का आतंकी तहसीन उर्फ मोनू हुंकार रैली से तीन दिन पहले फ्रेजर रोड के एक होटल में ठहरा हुआ था. उसके साथ हैदर अली भी था. 25 अक्तूबर को गांधी मैदान में भाकपा द्वारा आयोजित जनाक्रोश रैली में तहसीन व हैदर भी पहुंचे थे. उसी दिन दोनों ने गांधी मैदान की रेकी की. दोनों ने उसी दिन गांधी मैदान में कहां-कहां बम प्लांट करना है. इसकी योजना बना ली थी.
फर्जी पते की जानकारी : गांधी मैदान में बम विस्फोट होने के बाद तक दोनों आतंकी होटल में ही ठहरे थे. दोनों को जब इम्तियाज के पकड़े जाने की सूचना मिली तो होटल छोड़ कर दोनों फरार हो गये. घटना के दिन पुलिस ने उस होटल में भी छापेमारी की थी. दोनों आतंकी होटल में फर्जी नाम व पते पर ठहरे थे. बुधवार को मोतिहारी से पकड़े गये आतंकी अरशद उर्फ तबिश नेयाज ने भी खुलासा किया है कि वह 8 से 10 अक्तूबर तक पटना में ही था. तीन दिनों तक उसने गांधी मैदान की रेकी की. रेकी करने के लिए हैदर व तहसीन ने कहा था.
सात बजे ही पहुंच गये थे : हुंकार रैली के दिन यानी 27 अक्तूबर की सुबह सात बजे ही तहसीन व हैदर बम लेकर गांधी मैदान पहुंच गये थे. दोनों आतंकियों ने अपने पास रखे करीब आठ बमों को गांधी मैदान में प्लांट कर दिये. बाद में गांधी मैदान में नोमान व तौफिक भी बम लेकर पहुंचे. इन दोनों के साथ भी मिल कर तहसीन व हैदर ने गांधी मैदान के कई जगहों पर बमों को रख दिया. गांधी मैदान में काफी पॉलीथिन जमा था. बमों को छिपाने में इससे आतंकियों को काफी मदद मिली.
यही कारण है कि घटना के दो दिनों बाद तक पुलिस को गांधी मैदान से बम मिलते रहे. घटना के दिन पुलिस को सिर्फ चार बम ही मिले थे. मंगलवार को गांधी मैदान में एक बम मिला तो पुलिस ने पूरे मैदान में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया. सर्च ऑपरेशन के दौरान उसे एक-एक कर तीन बम मिले.
वहीं बम विस्फोट में घायल आतंकी ताहिर व गिरफ्तार आतंकी इम्तियाज आलम भी तीन-तीन बम लेकर यहां पहुंचे थे. दोनों को पटना जंकशन व आसपास वाले इलाकों में बम रखने की जिम्मेदारी मिली थी. सुबह दोनों पटना जंकशन के प्लेटफार्म दस स्थित सुलभ शौचालय में बम लेकर घुसे थे. इम्तियाज बम में बैटरी सेट करने में कामयाब रहा, लेकिन ताहिर का प्रयास विफल रहा.