11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पूजा: नन्हे-नन्हे कदमों से चल कर आयेंगी नौ देवियां

पूजा: नन्हे-नन्हे कदमों से चल कर आयेंगी नौ देवियांकन्या पूजा आज संवाददाता,पटनाआज नौ देवियों की पूजा है. एक साथ नौ शक्तियों की उपासना. नन्हे-नन्हे कदमों से चल कर सभी नौ देवियां आज भक्तों के घर आयेंगी. बुधवार को घर-घर साक्षात कन्याओं की पूजा होगी. उनके स्वागत में भक्त अलसुबह से ही तैयार होंगे, ताकि कन्या […]

पूजा: नन्हे-नन्हे कदमों से चल कर आयेंगी नौ देवियांकन्या पूजा आज संवाददाता,पटनाआज नौ देवियों की पूजा है. एक साथ नौ शक्तियों की उपासना. नन्हे-नन्हे कदमों से चल कर सभी नौ देवियां आज भक्तों के घर आयेंगी. बुधवार को घर-घर साक्षात कन्याओं की पूजा होगी. उनके स्वागत में भक्त अलसुबह से ही तैयार होंगे, ताकि कन्या पूजन में किसी तरह की चूक न हो. बुधवार को अष्टमी उपरांत नवमी तिथि होने से अष्टमी व्रत और नवमी पूजन एक साथ मनाये जायेंगे.पंडित मार्कणडेय शारदेय के अनुसार नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है. बुधवार को अष्टमी तिथि सुबह 8़ 41 बजे तक है. इसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ हो रही है. इस दिन कन्या पूजन व हवन कार्य किये जायेंगे. अगले दिन गुरुवार को नवमी तिथि सुबह 7़ 14 बजे तक है. कन्या पूजन के लिए अभिजीत मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ है, जो 11़ 47 बजे से लेकर 12़ 31 बजे तक है. इस बीच कन्या पूजन करना शुभ है.हरिहर योग में होगी महागौरी की पूजाबुधवार को अष्टमी तिथि पर हरिहर योग का सृजन हो रहा है. बुधवार यानि विष्णु का दिन. वहीं, अष्टमी को शिव का दिन माना गया है. दोनों मिल कर हरिहर योग का सृजन हो रहा है. भगवान विष्णु की शक्ति लक्ष्मी हैं और शिव की शक्ति मां पार्वती हैं. अष्टमी तिथि पर मां गौरी की पूजा की जाती है. घर में सुख-समृद्धि के साथ अखंड सौभाग्य के प्रतीक के रूप में इनकी पूजा होगी.नौ रूपों की पूजा का विशेष महत्वसिद्धि रात्रि के रूप में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विशेष महत्व है. ये सभी प्रकार की सिद्धियां देनेवाली हैं. शास्त्रों के अनुसार नवमी व हवन पूजन के साथ दो से नौ वर्ष की कन्याओं का पूजन किये जाने की परंपरा है. कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी जाती हैं. पंडितों के अनुसार लाल रंग मां को प्रिय है. इससे कन्या काे लाल रंग के वस्त्र धारण करा कर मन पंसद भाेजन कराना शुभ माना गया है. गुरुवार को होगा पारणनवरात्र में पूरे नौ दिनों तक पूजा करनेवाले व्रती बुधवार को कन्या पूजन व हवन करेंगें, लेकिन पारण वे अगले दिन ही कर पायेंगे. गुरुवार को नवमी तिथि सुबह 7.14 बजे तक है. इसके बाद पारण कर सकेंगे. साथ ही मां का विसर्जन श्रवण नक्षत्र में कर सकेंगे. यह गुरुवार की सुबह 7़ 13 बजे से 10़ 2 बजे तक है. इस बीच कलश हिलावन व देवी विसर्जन कर सकेंगे. कन्याओं का महत्व संख्या महत्वएक कन्या®एेश्वर्य की प्राप्ति दो कन्या®भोग व मोक्ष की प्राप्तितीन कन्या®धर्म, अर्थ व काम में सफलता चार कन्या®राज्यपद की प्राप्तिपांच कन्या®विद्या व बुद्धि की प्राप्ति छह कन्या®छह प्रकार की सिद्धिसात कन्या®राज्य सुख आठ कन्या®सुख-संपदा की प्राप्तिनौ कन्या®पृथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति ऐसे करें पूजाकन्याओं को विधिवत पूजन के लिए आमंत्रित करें. कन्याओं को एक पंक्ति में बिठा कर ॐ कुमार्ये नम: मंत्र से कन्याओं का पूजन करें. कन्याओं को उनकी रुचि के अनुसार भोजन कराएं. भोजन में मीठा अवश्य हो. भोजन के बाद कन्याओं के पैर धुला कर विधिवत कुमकुम से तिलक करें तथा दक्षिणा देकर हाथ में पुष्प लेकर प्रार्थना करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें