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मोदी व शाह की जोड़ी हुई नाकाम : संजय
पटना : जेडी(यू) मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि बिहार में नरेंद्र मोदी-अमित शाह की जोड़ी नाकाम हो गयी तो सुशील मोदी ऊर्जा की बात करने लगे हैं. अब तो बिहार की दीवारों से उनके पोस्टर भी उतरने लगे है. जब नरेंद्र मोदी लोगों से पूछते है कि बिहार में […]
पटना : जेडी(यू) मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि बिहार में नरेंद्र मोदी-अमित शाह की जोड़ी नाकाम हो गयी तो सुशील मोदी ऊर्जा की बात करने लगे हैं. अब तो बिहार की दीवारों से उनके पोस्टर भी उतरने लगे है. जब नरेंद्र मोदी लोगों से पूछते है कि बिहार में बिजली आयी …बिजली आयी …तो लोग कहते है कि हां बिहार में बिजली आयी.
2012 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गांधी मैदान में नीतीश कुमार ने जरूर कहा था कि वो बिहार के गांव- गांव में बिजली पहुंचायेंगे, तभी वोट मांगने जायेंगे. इसमें सरकार कामयाब हुई है, आज की तारीख में बिहार के हर गांव में 18 से 20 घंटे बिजली रहती है. मोदी जी , बिहार में यदि कोई सही मायने में रोशनी तो नीतीश कुमार ने दिया है. सुशील मोदी केंद्र सरकार की 16 महीनों की उपलिब्ध भी तो बताइये. केंद्र सरकार ने कौन सा नया बिजली घर शुरु कर किया है. 15 महीनों में भाजपा नेताओं ने सिर्फ विकास को रोकने का काम किया है.
सुशील मोदी ने भेल के अधिकारियों को धमका कर काम देरी करने को कहा है. अगर ऐसा नहीं होता तो ये युनिट कब का शुरु हो जाती. बरौनी बिजली घर चालू होने की समय-सीमा लगातार बढ़ रही है. केंद्रीय एजेंसी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने कई बार इसे चालू करने का लक्ष्य तय किया. इसे शुरु नही किया गया.
समय से चार साल देर हो चुकी इस यूनिट का अब तक 16 बार समय बढ़ चुका है. बिजली उत्पादन शुरू नहीं होने के कारण राज्य की अपनी यूनिट से 220 मेगावाट बिजली नहीं मिल पा रही है. बरौनी में 110 मेगावाट की दो इकाइयों का जीर्णोद्धार पर लगभग 581.20 करोड खर्च हो रहा है. नवंबर 2009 में भेल को इस काम का जिम्मा सौंपा गया था . 15 नवंबर, 2011 को यहां से बिजली उत्पादन शुरू होना था.
क्या ऐसा नही माना जाये कि इस यूनिट का शुरू नहीं किया जाना बिहार के साथ साज़िश है. सुशील मोदी सिर्फ श्रेय लेने के पीछे भाग रहे हैं, मुजफ्फरपुर के कांटी थर्मल पावर प्लांट और बाढ़ थर्मल पावर प्लांट दोनों प्रोजेक्ट नीतीश कुमार ने ही शुरू किये थे. नीतीश कुमार ने अपने समय में बिजली की इतनी व्यवस्था कर ली है कि चौसा थर्मल पावर प्लांट से 1320 मेगावाट,पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट से 1320 मेगावाट और कजरा थर्मल पावर प्लांट से 1320 मेगावाट की नींव रखी जा चुकी है.
काम तेजी से चल रहा है और जल्द ही वहां से भी प्रोडक्शन शुरू हो जायेगा. वर्ष 2014-15 के लिए निर्धारित लक्ष्य 4721 मेगावाट के विरुद्ध 5210 मेगावाट बिजली का काम पूरा कर लिया गया है और निर्धारित लक्ष्य 3777 मेगावाट से 4168 मेगावाट तक कर लिया गया है. इसे 5000 मेगावाट से अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है जो पूरा कर लिया जायेगा.
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