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‘सुन ल मोदी जी, तोहार दिन नियरइलें…’

पटना : भाकपा–माले एक ओर भाजपा तो दूसरी ओर जदयू–दोनों ही गंठबंधनों की जनविरोधी राजनीति को लेकर जनता के भीतर जो सवाल हैं, उनको चुनाव प्रचार के केंद्र में ला रही है. जन संस्कृति मंच की गीत–नाट्य इकाई ‘हिरावल’ के कलाकारों द्वारा निर्मित भाकपा–माले के चुनाव प्रचार गीतों की सीडी रविववार को माले सचिव कुणाल […]

पटना : भाकपा–माले एक ओर भाजपा तो दूसरी ओर जदयू–दोनों ही गंठबंधनों की जनविरोधी राजनीति को लेकर जनता के भीतर जो सवाल हैं, उनको चुनाव प्रचार के केंद्र में ला रही है. जन संस्कृति मंच की गीत–नाट्य इकाई ‘हिरावल’ के कलाकारों द्वारा निर्मित भाकपा–माले के चुनाव प्रचार गीतों की सीडी रविववार को माले सचिव कुणाल ने पार्टी मुखयालय में जारी किया.

उन्होंने बताया कि भाकपा–माले के चुनाव प्रचार गीतों इनको संतोष सहर, संतोष झा और जनकवि कृष्णकुमार निर्मोही ने लिखा है. गीतों को हिरावल के संयोजक प्रसिद्ध युवा रंगकर्मी, लेखक और गायक संतोष झा, सुमन कुमार और अभिनव की आवाज में रिकाॅर्ड किया गया है. इस सीडी के जरिये माले उन सारे विधानसभा क्षेत्रें में प्रचार करेगा, जहां-जहां से उसके उम्मीदवार लड़ रहे हैं. सोशल साइट्स के जरिए ये गीत पहले ही लोगों तक पहुंच चुके हैं और ये गीत काफी लोकप्रिय भी हुए हैं.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के प्रचार ‘बिहार में बहार है’ का तीखा प्रतिवाद करते हुए एक गीत में कहा गया है–‘सगरे गरीबवन के जीयल दुश्वार बा, भोंभा ले के बोलता, बिहार में बिहार बा!’ ‘…कवन मुंह से कहता बिहार में बहार बा..’. इस गीत में भाजपा से नीतीश की यारी, न्याय के संहार, कदम–कदम पर फैले लूट, घूसखोरी और भ्रष्टाचार, बीपीएल–मनरेगा की गड़बडि़यों तथा भूमि सुधार व बंटाईदारी कानून लागू न होने के सवाल को उठाया गया है. दूसरे गीत में मोदी की वादाखिलाफी और उनके सांप्रदायिक एजेंडे को निशाना बनाया गया है. तीसरे गीत में मोदी को जुमलों का उस्ताद और नीतीश कुमार को अहंकार में डूबा बताया गया है. दोनों को सामंती ताकतों के यार बताए गए हैं. इस गीत की टेक ही है–‘ना मोदी, ना नीतीश कुमारे, अबकी बार माले, माले , ताकि जनता इस बार इन दोनों ही गंठबंधनों के झांसे में न आए. जन संस्कृति मंच की गीत–नाट्य इकाई ‘हिरावल’ के कलाकारों द्वारा निर्मित भाकपा–माले के चुनाव प्रचार गीतों की सीडी इसी की बानगी है.

सगरे गरीबवन के जीयल दुश्वार बा
गीतों को हिरावल के संयोजक प्रसिद्ध युवा रंगकर्मी, लेखक और गायक संतोष झा, सुमन कुमार और अभिनव की आवाज में रिकार्ड किया गया है. संतोष सहर, संतोष झा और जनकवि कृष्णकुमार निर्मोही ने लिखा है. इस सीडी के जरिए माले उन सारे विधानसभा क्षेत्रें में प्रचार करेगी, जहां से उसके उम्मीदवार लड़ रहे हैं. सोशल साइट्स के जरिए ये गीत पहले ही लोगों तक पहुंच चुके हैं और ये गीत काफी लोकप्रिय हुए हैं. नीतीश कुमार के प्रचार ‘बिहार में बहार है’ का तीखा प्रतिवाद करते हुए एक गीत में कहा गया है– सगरे गरीबवन के जीयल दुश्वार बा, भोंभा ले के बोलता, बिहार में बिहार बा!…कवन मुंह से कहता बिहार में बहार बा. इस गीत में भाजपा से नीतीश की यारी, न्याय के संहार, कदम–कदम पर फैले लूट, घूसखोरी और भ्रष्टाचार, बीपीएल–मनरेगा की गड़बडि़यों तथा भूमि सुधार व बंटाईदारी कानून लागू न होने के सवाल को उठाया गया है, दूसरे गीत में मोदी की वादाखिलाफी और उनके सांप्रदायिक एजेंडे को निशाना बनाया गया है. तीसरे गीत में मोदी को जुमलों का उस्ताद और नीतीश कुमार को अहंकार में डूबा बताया गया है. दोनों को सामंती ताकतों के यार बताए गए हैं. इस गीत की टेक ही है– ना मोदी ना नीतीश कुमारे, अबकी बार माले, माले.

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