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मिशनरी ऑफ चैरिटी से नहीं ले सकेंगे बच्चे गोद

पटना : पटना सिटी स्थित पादरी की हवेली से अब बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा. राज्य सरकार ने मिशनरी ऑफ चैरिटी को निबंधित एजेंसी के श्रेणी से बाहर कर दिया है. इस मिशनरी संस्थान में अब सिर्फ बच्चों का लालन-पालन ही हो सकेगा. कोई भी व्यक्ति यहां से बच्चों को गोद नहीं ले […]

पटना : पटना सिटी स्थित पादरी की हवेली से अब बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा. राज्य सरकार ने मिशनरी ऑफ चैरिटी को निबंधित एजेंसी के श्रेणी से बाहर कर दिया है. इस मिशनरी संस्थान में अब सिर्फ बच्चों का लालन-पालन ही हो सकेगा. कोई भी व्यक्ति यहां से बच्चों को गोद नहीं ले सकेंगे.
समाज कल्याण विभाग पटना सहित राज्य के 10 जिलों में दत्तक ग्रहण एजेंसियां चला रहा है. पटना में पादरी की हवेली के अलावा दूसरी निबंधित एजेंसी प्रयास भारती ट्रस्ट को बनाया गया था. इस तरह राजधानी में दो एजेंसियां नामित थीं, पर अब मिशनरी ऑफ चैरिटी इस श्रेणी से बाहर है. इससे अब पटना में एकमात्र निबंधित एजेंसी प्रयास भारती ही बच्चों को गोद ले सकेगी.
एजेंसियों पर होता है सरकार का नियंत्रण
निबंधित एजेंसियों को बच्चों के लालन-पालन में आनेवाले खर्च का बजट सरकार द्वारा वहन किया जाता है. इन एजेंसियों पर पूरी तरह सरकार का नियंत्रण होता है. सभी एजेंसियां ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत संचालित होती हैं. कितने बच्चे एजेंसी में हैं, कितने बच्चों को गोद लिया गया है, ये सारी जानकारी सरकार के पास उपलब्ध होती है. ऐसे में मिशनरी सरकार के हस्तक्षेपों को पसंद नहीं कर रही थी. इससे अब उसे निबंधित एजेंसी की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है.
हाल ही गोद लेने की नियमावली में कई तरह के बदलाव किये गये हैं. इसके तहत कई प्रक्रियाएं ऐसी हैं, जिन्हें एजेंसी काे भी पूरी करनी होती है. मिशनरी के काम करने के अपने तरीके हैं. वह सरकार के कार्य से बिल्कुल अलग है. इससे विभाग द्वारा मिशनरी ऑफ चैरिटी को दत्तक ग्रहण एजेंसी से बाहर किया गया है.
विवेक कुमार, प्रोग्राम ऑफिसर, राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण
अब मिशनरी से बच्चे गोद नहीं दिये जायेंगे. यहां बच्चों का केयर किया जायेगा. गोद लेने की प्रक्रिया यहां बंद कर दी गयी है.
सिस्टर टेरेस ग्रेस, पादरी की हवेली

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