पटना : राजधानी में बाहरी लोगों के प्रवेश करने पर उनका शहर कचरे से स्वागत करता है. शहर के लगभग सभी प्रवेश द्वारों कूड़े का ढेर है. इसका मुख्य कारण राजधानी में ठोस कचरा प्रबंधन व्यवस्था का काफी लचर होना है. कूड़ा प्वाइंट से कचरा उठाया तो जाता है, लेकिन उसे न्यू बाइपास पर जहां मन किया, वहां कचरा गिरा दिया जाता है. आलम यह है कि बेऊर मोड़ से लेकर जीरो माइल तक जगह-जगह कचरों का ढेर खड़ा है.
यही नहीं, पटना सिटी अंचल के अगमकुआं पुल के बाद से लेकर जीरो माइल तक कचरे का ढेर देखने को मिलता है, पहाड़ी की भी यही स्थिति है. इसी तरह पटना-गया रोड पर जीरो माइल से लेकर बैरिया तक सड़क के दोनों किनारे कचरों का पहाड़ है. ऐसे में यह स्थिति बन गयी है कि बाहर के लाेग राजधानी में किसी भी रूट से प्रवेश करेंगे, कचरा का ढेर स्वागत के लिए खड़ा मिलेगा.
वैकल्पिक पथ बनने तक रहेगी समस्या
कूड़ा डंपिंग यार्ड में दो बड़ी समस्याएं हैं. इनमें पहला एप्रोच रोड जर्जर है और दूसरा यार्ड के मुहाने पर ही कचरों का पहाड़ खड़ा है. इस स्थिति में निगम प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था के तहत यार्ड के पीछे से रास्ता बनाने का निर्णय लिया है.
इस रास्ते को भी बनाने में कम-से-कम एक सप्ताह का समय लग जायेगा, तब तक नगर निगम के चारों अंचल से उठाव होने वाले कचरे जहां-तहां गिराये जाते रहेंगे.
डीजल बचाने का परिणाम है कचरा
निगम प्रशासन की दलील है कि कूड़ा डंपिंग यार्ड का एप्रोच रोड जर्जर हो गया है, जिसको दुरूस्त करना है. स्थिति यह है कि वाहनों को यार्ड तक पहुंचना मुश्किल है, जिससे खाली स्थानों पर ही कचरा गिरा दे रहा है. दरअसल ठेकेदार और अंचल पदाधिकारियों की मिलीभगत से डीजल बचाने का खेल किया जा रहा है, जिससे ट्रैक्टर चालक नजदीक में जहां मन किया, कचरा गिरा दिया और दिन भर लगानेवाला चक्कर पूरा कर लिया और डीजल बैरिया तक पहुंचाने का लिया. इसमें ठोस कचरा प्रबंधन की बड़ी राशि का खेल किया जाता है. यही कारण है कि यह समस्या कोई एक-दो दिनों में नहीं बनी है, महीनों व वर्षों से न्यू बाइपास पर कचरा गिराया जा रहा है.
शहर में भी है डंपिंग यार्ड
निगम प्रशासन ने सेकेंडरी कूड़ा प्वाइंट के नाम से चारों अंचलों में एक-एक खाली स्थान पर कचरों का पहाड़ खड़ा कर दिया है. सेकेंडरी कूड़ा प्वाइंट इसलिए बनाये गये थे कि वार्डों से उठाव होनेवाले कचरे वहां गिराये जाएं, जहां से बड़े वाहनों के माध्यम से बैरिया स्थित डंपिंग यार्ड में कचरे गिराये जाएं. स्थिति यह है कि गर्दनीबाग में सरकारी अस्पताल के समीप, बांकीपुर में प्रेमचंद गोलंबर के समीप, कंकड़बाग में ऑटो स्टैंड के समीप और पटना सिटी में अगमकुआं पुल के नीचे कचरों का ढेर लगा रहता है. इनमें से सिर्फ प्रेमचंद गोलंबर के समीप से कचरे का प्रतिदिन उठाव किया जाता है.