पटना : लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एनडीए में अभी ट्रायल पर हैं और दलित नेता के तौर पर मांझी से मेरा कोई मुकाबला नहीं है. वे गुरुवार को एक न्यूज चैनल की ओर से आयोजित बिहार कॉन्क्लेव में सवालों का जवाब दे रहे थे. केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री रामविलास पासवान ने यह भी दावा कि मैं एकमात्र राष्ट्रीय स्तर का दलित नेता हूं और मांझी, मायावती समेत बाकी सभी राज्यस्तरीय दलित नेता हैं.
हालांकि, उन्होंने यह भी कि अगर मांझी दलितों के लिए कुछ कर सके, तो मुझे सबसे अधिक खुशी होगी. पासवान ने कहा कि नीतीश ने मांझी को छह माह के लिए मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन जब मांझी ने पद से हटने से इनकार कर दिया, तो उन्हें हटा दिया गया. मांझी पहले छह महीने नीतीश के कहने पर ही चलते रहे. उन्होंने कहा कि राजनीति में किसी से मेरी प्रतियोगिता नहीं है. 46 साल पहले एमएलए बना था. 10 बार एमपी बन चुका हूं. विजन वाले किसी जाति-धर्म से नेता बने, तो मुझे खुशी होगी. हमने स्पष्ट कर दिया है कि मैं सीएम पद का उम्मीदवार नहीं हूं. 1990 में ही मुझे वीपी सिंह ने सीएम बनने का कहा था. वे लालू को सीएम बनाने के पक्ष में नहीं थे.
मैंने अपने विरोधी रामसुंदर दास का समर्थन किया था. लालू प्रसाद पर हमला बोलते हुए पासवान ने कहा कि मेरे बेटे चिराग पासवान तो सांसद बन गये, लेकिन लाख चाहने के बावजूद अभी तक लालू प्रसाद अपने बच्चों को पंचायत का चुनाव भी नहीं जीता सके हैं. अगर लोकसभा चुनाव में वे मेरे साथ गंठबंधन करते, तो उनके परिवार के लोग संसद पहुंच गये होते. लालू अपने बेटे तेजस्वी को जाति की किताब पढ़ाते हैं, जबकि अब जातिगत राजनीति से ऊपर उठने का समय आ गया है. अगर जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी हो जाएं, तो सबसे ज्यादा नुकसान लालू और नीतीश कुमार को ही होगा.
स्वाभिमान रैली की चर्चा करते हुए पासवान ने कहा कि लालू ने जान-बूझ कर सोनिया गांधी की बेइज्जत की. सोनिया को लालू से पहले बोलने के लिए कहा गया. लालू द्वारा उन्हें मौसम वैज्ञानिक कहने पर उन्होंने कहा कि मौसम वैज्ञानिक की हैसियसत से मेरा ऐलान है कि बिहार में एनडीए की दो तिहाई बहुमत की सरकार बनेगी. उन्होंने कहा कि एनडीए में जाने से पहले मैं हिचक रहा था, लेकिन बेटे चिराग के दबाव में शामिल हुआ. प्रधानमंत्री मोदी के डीएनएवाले बयान का समर्थन करते हुए पासवान और आगे निकल गये और कहा कि नीतीश का डीएनए पालिटिकली और मेडिकली दोनों गड़बड़ है.
पॉलिटिकली इसलिए कि उन्होंने राजनीति में सबको धोखा दिया और मेडिकली इसलिए कि मोदी ने उनके डीएनए की बात की और वे सबका डीएनए बिहार का बताने लगे. एनडीए की सरकार बनने पर चिराग पासवान को उपमुख्मंत्री बनाने के प्रश्न को टालते हुए पासवान ने कहा कि मछली पानी में और नौ-नौ कुटीय का बखरा.