पटना : भूमिहनों के बीच भूदान की जमीन बांटने की गति इतनी धीमी है कि सौ साल में भी पूरी जमीन बांटना भूदान यज्ञ समिति के लिए संभव नहीं होगा. यह टिप्पणी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भूदान यज्ञ समिति पर किया है. यज्ञ समिति के काम काज की समीक्षा में कहा गया है कि यदि 31 अगस्त तक भूदान की ब्योरहीन दानपत्रों की सूची उपब्ध कराना है.
राज्य सरकार ने यज्ञ समिति को समिति द्वारा संपुष्ट और वितरण के लिए 103560.53 एकड़ जमीन और अपुष्ट अयोग्य 282585.13 एकड़ जमीन का ब्योरा 31 अगस्त तक सौंपने का निर्देश दिया है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से मिली जानकारी के अनुसार यज्ञ समिति ने एक साल में मात्र 54.79 एकड़ जमीन बांट सकी. भूदान की जमीन के वितरण नहीं होने को वित्त विभाग ने भी गंभीरता से लेते हुए इसे भंग करने का सुझाव दिया है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने भी भूदान यज्ञ समिति के कामकाज की समीक्षा कर एक माह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
विभागीय अधकारी ने बताया कि यज्ञ समिति के पिछले पांच साल के काम काज की समीक्षा की गयी है. जिसमें पाया गया है कि 2012-13 और 2013-14 में उपलब्ध करायी राशि का सामंजन कराने संबंधी महालेखाकर का प्रमाण पत्र नहीं मिला है. भूदान यज्ञ समिति को 6055.09 एकड़ जमीन का वितरण करना था. जिसे समिति नहीं बांट सकी. यज्ञ समिति पर सरकार का सलाना डेढ़ करोड़ रुपये खर्च होने की जानकारी दी गयी है.