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फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल नियोजित शिक्षक मामला, करीब 350 शिक्षक बनाये गये अभियुक्त

पटना: राज्य में फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल हुए नियोजित शिक्षकों की जांच निगरानी ब्यूरो कर रहा है. इसमें उच्चतर माध्यमिक (प्लस टू) स्तर पर बहाल करीब 31 हजार शिक्षकों की जांच तकरीबन पूरी हो चुकी है. अब तक इस मामले में विभिन्न जिलों में तीन दर्जन से ज्यादा एफआइआर दर्ज हो चुकी है. इनमें करीब […]

पटना: राज्य में फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल हुए नियोजित शिक्षकों की जांच निगरानी ब्यूरो कर रहा है. इसमें उच्चतर माध्यमिक (प्लस टू) स्तर पर बहाल करीब 31 हजार शिक्षकों की जांच तकरीबन पूरी हो चुकी है. अब तक इस मामले में विभिन्न जिलों में तीन दर्जन से ज्यादा एफआइआर दर्ज हो चुकी है. इनमें करीब 350 फर्जी शिक्षकों को अभियुक्त बनाया गया है. हालांकि अभी कुछ अहम बिन्दुओं पर गहनता से जांच चल रही है.

इसके बाद एफआइआर की संख्या में थोड़ी-बहुत बढ़ोतरी हो सकती है. इसमें बहारी राज्यों से बीएड की डिग्री की जांच का मामला जारी है.
31 अगस्त तक डीपीओ को कागजात सौंपने का निर्देश : अब निगरानी ब्यूरो ने हाई स्कूल स्तर के शिक्षकों की जांच शुरू कर दी है. राज्य में बहाल इस स्तर में करीब 69 हजार शिक्षकों के सर्टिफिकेटों की जांच करने के लिए निगरानी विभाग ने जिला स्तर पर टीमों का गठन किया है. इस संबंध में शुक्रवार को निगरानी आइजी अनुपमा चंद्रा निलेकर की अध्यक्षता में एक अहम बैठक की गयी. इसमें सभी डीपीओ को सख्त निर्देश दिया है कि 31 अगस्त तक हाई स्कूल स्तर के सभी शिक्षकों और लाइब्रेरियन से जुड़े कागजात जमा कर दें.

नहीं तो निगरानी अपने स्तर से सर्टिफकेट जमा नहीं करने वाले जिलों पर एफआइआर करेगा. शिक्षा विभाग के जिला स्तर के पदाधिकारियों के सहयोग नहीं करने और जरूरी कागजात जमा नहीं करने के कारण जांच में देरी होने के साथ-साथ परेशानी भी काफी होती है. इससे पहले भी विजिलेंस ने शिक्षा विभाग को 8 अगस्त तक की मोहलत दी थी, लेकिन सभी कागजात जमा नहीं हो पाये हैं. निगरानी विभाग ने शिक्षा विभाग को इस काम को तय समय में करने के लिए मैन पॉवर बढ़ाने की बात कही है. इसके अलावा प्राथमिक स्तर के सभी शिक्षकों के कागजात तैयार करने का निर्देश दिया है.

चार जिला नियोजन इकाइयों पर भी मामला दर्ज
प्लस टू शिक्षकों के मामले की जांच में लापरवाही बरतने और बार-बार कहने पर भी शिक्षकों से जुड़े कागजात नहीं जमा करने के कारण चार जिलों की नियोजन इकाई पर भी निगरानी ने अपने थाना में एफआइआर किया है. इसमें पटना, जहानाबाद, समस्तीपुर और औरंगाबाद शामिल हैं.
इन जिलों में हुई प्राथमिकी
पटना में 3, मुजफ्फरपुर (5), बांका (4), वैशाली (2), जहानाबाद (1), अररिया (2), मुंगेर (1), रोहतास (3), पूर्णिया (1), अरवल (1), भोजपुर (1), मोतिहारी (1), भागलपुर (1), गया (2), जमुई (1), मधुबनी (1). इसके अलावा भी कुछ अन्य जिलों में एफआइआर दर्ज की गयी है. एक-एक एफआइआर में दर्जन या दो दर्जन तक फर्जी शिक्षकों को अभियुक्त बनाया गया है.

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