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अस्पतालों में एचआइवी किट खत्म, बढ़ी परेशानी
पटना. बिहार के अस्पतालों में पिछले एक माह से एचआइवी किट नहीं है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करनेवाले सरकारी डॉक्टरों की परेशानी बढ़ गयी है. जब कोई महिला प्रसव पीड़ा में गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचती है और उसके डिलेवरी की बात आती है, तो उस वक्त एचआइवी किट की सबसे अधिक जरूरत पड़ती […]
पटना. बिहार के अस्पतालों में पिछले एक माह से एचआइवी किट नहीं है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करनेवाले सरकारी डॉक्टरों की परेशानी बढ़ गयी है. जब कोई महिला प्रसव पीड़ा में गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचती है और उसके डिलेवरी की बात आती है, तो उस वक्त एचआइवी किट की सबसे अधिक जरूरत पड़ती हैं और जब किट नहीं मिलता है, तो उस महिला को डॉक्टर दूसरे अस्पताल में भेज देते है, जहां पहुंचे में कभी-कभी देर हो जाती है और महिला की स्थिति बिगड़ जाती है.
गांव के अस्पतालों में हो रही डॉक्टरों को परेशनी, हंगामा करते हैं परिजन : अस्पतालों में एचआइवी किट नहीं होने के कारण डॉक्टरों की परेशानी बढ़ गयी है. अस्पताल में किसी भी छोटी सर्जरी के लिए जब मरीज आते हैं, तो उसका इलाज करने से डॉक्टर कतराते हैं. ऐसे में मरीज के परिजन हंगामा करते है और डॉक्टरों के साथ हाथापाई भी करते है.
बंध्याकरण में भी हो रही परेशानी महिला डॉक्टर नहीं कर रही काम : सरकारी योजना भी किट नहीं रहने के कारण अधर में लटकी हुई है. बंध्याकरण के दौरान भी महिला का एचआइवी जांच बेहद जरूरी है और इसे बिना कराये हुए डॉक्टर महिला का बंध्याकरण करने को तैयार नहीं है. ऐसे में सरकार की योजना का लाभ भी महिलाओं को नहीं मिल रहा है.
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