पटनाभाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय के नेतृत्व में पार्टी का एक शिष्टमंडल बुधवार को सूबे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मिला. उन्हें बताया कि राज्य सरकार अधिकारियों का तबादला कर चुनाव आयोग की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है. शिष्टमंडल ने चार पेजों का एक ज्ञापन उन्हें सौंपा. भाजपा की ओर से सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि चुनाव आयोग का स्पष्ट निर्देश था कि तीन वर्ष से अधिक समय से जमे अधिकारियों का तबादला किया जाये. लेकिन राज्य सरकार ने दो माह से 13 माह के बीच कार्यरत अधिकारियों का तबादला कर दिया है.
सरकार ने 46 आइएएस और 44 आइपीएस अफसरों का एकाएक स्थानांतरण करना कहीं न कहीं आसन्न विधान सभा चुनाव को देखते हए प्रशासनिक महकमा पर एक प्रेशर है. सरकार लोकसभा चुनाव में अपनी हार का ठीकरा इन प्रशासनिक पदाधिकारियों पर फोड़कर दबाव बनाना चाहती है. इसी का परिणाम है अचानक 27 जिलों में नये जिलाधिकारी और 18 जिलों में नये प ुलिस कप्तान की तैनाती कर दी गयी. किसी भी डीएम और एसपी को अपने जिले की भौगोलिक स्थिति को समझने में ही एक दो महीना लग जाता है. राज्य में एक-दो माह के बाद ही विधानसभा का चुनाव होना है. ज्ञापन के साथ भाजपा ने तबादलेवाले डीएम व एसपी की सूची तथा उनके कार्यकाल का समय भी दरसाया है. कई दागी अधिकारियों को भी नियुक्त किया गया है, जो पहले से ही चुनाव आयोग की नजर में हैं.
पार्टी ने आयोग से मांग की कि जिन अधिकारियों का तबादला तीस साल से कम में हुआ है उसका तबादला रुकवाया जाये. जो अधिकारी तीन साल से अधिक समय से जमे हैं उन्हें हटाया जाये तथा एक ही जिले में तीन वर्ष से अधिक रहते हुए अन्य दायित्वों, पदों का निवर्हन कर रहे अधिकारियों को उस जिले से हटाया जाये. शिष्टमंडल में प्रदेश अध्यक्ष के अलावा प्रशांत कुमार वर्मा, राधिका रमन, अशोक भट्ट, जयप्रकाश व कुमार सचिन शामिल थे.