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कमजोर तबके पर हमला बढ़ा राज्य सरकार बनी मूकदर्शक

सुशील मोदी ने लगाया सरकार पर आरोप खगड़िया के आरोपित पर सरकार नहीं कर रही है कार्रवाई पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य में कमजोर तबके पर आपराधिक हमला बढ़ा है. राज्य सरकार इन्हें सुरक्षा देने के बजाय मूकदर्शक बनी हुई है. विधान […]

सुशील मोदी ने लगाया सरकार पर आरोप
खगड़िया के आरोपित पर सरकार नहीं कर रही है कार्रवाई
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य में कमजोर तबके पर आपराधिक हमला बढ़ा है. राज्य सरकार इन्हें सुरक्षा देने के बजाय मूकदर्शक बनी हुई है.
विधान परिषद स्थित अपने कार्यालय में उन्होंने कहा कि खगड़िया के परबत्ता में 40-45 लोगों ने दलितों पर हमला किया. इस हमला में 20 से अधिक लोग घायल हो गये. अपराधियों की भय से 50 परिवार गांव छोड़ कर भाग गये हैं.
53 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. अब तक दो-तीन को ही गिरफ्तार किया जा सका है. मोदी ने कहा कि पीड़ित इतने डरे हुए हैं कि घर वापस नहीं जाना चाहते हैं. राज्य सरकार से पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने, अन्य जगहों पर बसाने और एक माह का राशन देने की मांग करते हुए उन्होंने कहा है कि अभियुक्तों पर त्वरित कार्रवाई की जाये.
मोदी ने कहा कि सासाराम में दो लड़की के साथ उसके भाई के सामने में बलात्कार किया. प्रशासन इस मामले को दबाने की कोशिश की. मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय एससी-एसटी आयोग के सदस्य सासाराम आये तो पीड़ित को आयोग के सदस्य से मिलने तक नहीं दिया गया. इन्हीं घटनाओं को लेकर भाजपा ने विप में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया था.
उन्होंने कहा कि सुपौल में युसूफ नामक मुखिया की हत्या कर दी गयी. मोतिहारी और समस्तीपुर में भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं. मोदी ने कहा कि चुनाव की घोषणा होने से ठीक पहले वैट में संशोधन विधेयक लाना इंडियन टोबैको कंपनी को फायदा पहुंचाना है.
उन्होंने कहा कि राज्य में जंगल राज की स्थिति बन गयी है. अपराध की घटनाओं की संख्या 2005 की स्थिति तक पहुंच गयी है.
राज्य में हत्या, लूट, डकैती और बलात्कार की घटनाओं में तेजी आयी है. स्पीडी ट्रायल कम हो गया है.
परिवार से बाहर नहीं सोच सकते लालू-राबड़ी
राबड़ी देवी द्वारा दोनों पुत्र को चुनाव लड़ाने संबंधी प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद और राबड़ी देवी अपने परिवार से बाहर सोच ही नहीं सकते हैं. उनकी चिंता सिर्फ परिवार तक सीमित है. उन्होंने कहा कि यदि पार्टी की संसदीय बोर्ड यदि हमें चुनाव लड़ने का निर्देश देगी तो हम चुनाव लड़ेंगे अन्यथा नहीं. यह तय करना पार्टी का काम है.14 वें वित्त आयोग में इतनी मिली राशि की विशेष राज्य की आवश्यकता नहीं
मोदी ने कहा कि 14 वें वित्त आयोग के रिपोर्ट में विशेष राज्य की अवधारणा को खत्म कर दिया गया है. बिहार को 14 वें वित्त आयोग में इतनी राशि मिली है कि अब बिहार को विशेष राज्य की आवश्यकता ही नहीं रह गयी है. बिहार को पूर्व की अपेक्षा आठ हजार करोड़ रुपये अधिक मिला है.
उन्होंने कहा कि पीएम ने बिहार को 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि देंगे. जल्द ही वे इसकी घोषणा करेंगे. सुविधा ट्रेन को लेकर सीएम के बयान को भ्रम फैलाने वाला बयान बताते हुए उन्होंने कहा कि नौ अगस्त से सुविधा ट्रेन पूर्व घोषणा के अनुसार सप्ताह में दो दिन चलेगी.
पटना : विधानसभा में विपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने आरोप लगाया कि राज्य में विधि व्यवस्था लचर हो गयी है. अपराधियों के मन से खौफ समाप्त हो चुका है. पुलिस की गोली से अपराधी नहीं बल्कि अपराधी की गोली से पुलिस इंस्पेक्टर मारा जा रहा है.
राज्य में कोई व्यक्ति सुरक्षित इसलिए नहीं है कि यहां की विधि व्यवस्था ठीक है, वह इसलिए बच रहा है कि किसी अपराधी ने उसे मारने का निर्णय नहीं किया है.
विधानसभा स्थित अपने कक्ष में उन्होंने कहा कि कहा कि कुछ जिलों में लूट की घटनाओं में सौ फीसदी वृद्धि हुई है, जिसमें शेखपुरा, जहानाबाद, नवादा, नालंदा व कटिहार शामिल हैं. डकैती की घटनाओं में जिन जिलों में सौ फीसदी वृद्धि दर्ज हुई है, उनमें समस्तीपुर, लखीसराय, किशनगंज, मुंगेर व मधुबनी शामिल हैं. रोड डकैती में समस्तीपुर, कैमूर, औरंगाबाद, बांका व अररिया शामिल हैं. सबसे बड़ी बात है कि इस साल रोहतास, भोजपुर, नालंदा, खगड़िया में सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं.
अपहरण के मामले में 2005 में जहां 2226 घटनाएं दर्ज की गयी थी, वहीं 2013 में 5506, 2014 में 6570 और मई 2015 तक 3058 घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि इन सभी घटनाओं के लिए अकेले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेवार है.
इसी मुद्दे को लेकर भाजपा की ओर से सदन में कार्यस्थगन लाया गया था. कार्यस्थगन को लेकर जवाहर प्रसाद, संजय सिंह टाइगर, सुरेंद्र मेहता व उषा विद्यार्थी ने सूचना दी थी. उन्होंने बताया कि कई कर्मचारी संगठन आंदोलन कर रहे हैं.
इसमें सांख्यिकी सहायकों पर लाठी चार्ज किया गया है, वित्त रहित शिक्षकों के साथ र्दुव्‍यवहार किया गया. डाटा इंट्री ऑपरेटर, रोजगार सेवक, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, दलपतियों की स्थिति संस्कृत शिक्षक, टीइटी व एसटीइटी सभी कर्मचारी आंदोलन पर है.
सरकार इनके साथ न वार्ता कर रही है और नहीं उनकी समस्याओं का समाधान कर रही है. सदन में गतिरोध है तो कार्यमंत्रणा की बैठक करनी चाहिए, जिससे कि कम समय में अधिक परिमाण निकल सके.

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