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साथ थे तो करते थे बड़ाई साथ छूटा तो करते हैं निंदा

भाजपा के रिपोर्ट कार्ड पर जदयू ने कहा पटना : भाजपा के रिपोर्ट कार्ड पर जदयू ने हमला बोला है. प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार सरकार के जल संसाधन सह सूचना जनसंपर्क मंत्री विजय चौधरी व वित्त सह ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने भाजपा द्वारा उठाये गये सवालों का बिंदुवार जवाब दिया. […]

भाजपा के रिपोर्ट कार्ड पर जदयू ने कहा
पटना : भाजपा के रिपोर्ट कार्ड पर जदयू ने हमला बोला है. प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार सरकार के जल संसाधन सह सूचना जनसंपर्क मंत्री विजय चौधरी व वित्त सह ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने भाजपा द्वारा उठाये गये सवालों का बिंदुवार जवाब दिया. मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि भाजपा की ओर से एक किताब की शक्ल में जो दस्तावेज जारी किये गये हैं उसे देखने के बाद यही लगता है कि यह सत्ता से जाने की छटपटाहट और सत्ता में आने की अकुलाहट से ज्यादा कुछ नहीं है. यह दस्तावेज सत्य से परे व भ्रामक और बेबुनियाद है.
उस दस्तावेज के कवर पेज पर अपराध, भ्रष्टाचार व अहंकार को तीन पार्टियों से जोड़ कर दिखाने की कोशिश की गयी है. जब भाजपा अपराध व भ्रष्टाचार की बात करती है तो हम लोगों को आश्चर्य होता है. देश भर अब तक का सबसे बड़ा व्यापमं घोटाला भाजपा शासित प्रदेश में ही हुआ है. इस घोटाले की जांच या सहयोग कर रहे 40-45 लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो चुकी है. इससे बड़ा अपराध व भ्रष्टाचार की बात नहीं हो सकती है. भाजपा को अपराध व भ्रष्टाचार पर बोलने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा अहंकार की बात करती है तो देश में कौन अहंकारी है सब कोई जानते हैं.
भाजपा में एक व्यक्ति के अहंकार की वजह से ही पार्टी के सारे बुजुर्ग और वरिष्ठ नेता उस दल के इंज्यूरी वार्ड में चले गये हैं. भाजपा रिपोर्ट कार्ड में अगर सरकार की विफलता गिनाती या उसके निराकरण के उपाय बताती तो उस आलोचना का हम स्वागत करते, लेकिन भाजपा ने अपने रिपोर्ट कार्ड के नाम पर जो दस्तावेज पेश किया है वह झूठे आंकड़ों का पुलिंदा है.
यह सब अंधविरोध में किया गया है. उन्हें सही चीज नजर ही नहीं आ रही है. विजय चौधरी ने कहा कि बार-बार भाजपा कहती है कि जब तक वे लोग साथ थे तो सब कुछ ठीक था और जैसे ही वे लोग अलग हो गये सब कुछ खराब हो गया. भाजपा को खुला चैलेंज है कि वे बताये कि जब वे साथ थे तो किसी योजना की पहल या सोच उनकी ओर से आया था क्या?
चाहे वह विभाग उनके मंत्रियों के ही क्यों ना हो? भाजपा की नजर सीधे पलट गयी है. साथ थे तो सरकार के हर काम की बड़ाई करते थे, लेकिन अब निंदा करने के अलावा कुछ नहीं करते.
अब किसके कहने पर मोदी कह रहे कि देंगे वेतनमान
मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सरकार ने नियोजित शिक्षकों को वेतनमान दिया. तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कहा था कि भगवान भी उतर कर आ जाये तो नियोजित शिक्षकों को वेतनमान नहीं दिया जा सकता है.
अब वहीं कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर उन्होंने यह बयान दिया था. अब फिर वह वेतनमान बढ़ा कर देने की बात कर रहे हैं. सुशील मोदी बताये कि अब वे किसके इशारे पर बोल रहे हैं.
जब वे दूसरे के इशारे पर बोलते हैं तो उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने विशेष पैकेज अब तक नहीं दिया. बिहार के हक को मेहरबानी के रूप में परोसना चाहते हैं. उस राशि को रोक कर चुनाव के समय लाभ के लिए सरकार देना चाहती है.
किसी के दबाव में नहीं हुआ आइएएस-आइपीएस का तबादला
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आइएएस-आइपीएस का तबादला पर भाजपा द्वारा सवाल उठाने पर विजय चौधरी ने कहा सुशील मोदी पहले यह बताये कि वे प्रधानमंत्री, जीतन राम मांझी या फिर उपेंद्र कुशवाहा के कहने पर यह सवाल उठा रहे हैं. आइएएस-आइपीएस का तबादला सामान्य प्रक्रिया है. ये अधिकारी बहुत दिनों से एक ही जगह जमे हुए थे इसलिए तबादला हुआ है.
राजद के दबाव में तबादले के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमलोग किसी के दबाव में नहीं आते हैं, ना ही किसी के दवाब में काम करते हैं और ना ही किसी से प्रभावित होते हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण भाजपा है. भाजपा के साथ 17 सालों तक रहे, लेकिन उनसे प्रभावित नहीं हुए.
झूठ का पुलिंदा है भाजपा रिपोर्ट कार्ड : विजेंद्र
वित्त और ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने भाजपा के रिपोर्ट कार्ड को झूठ का पुलिंदा करार दिया है.भाजपा ने सवाल उठाया कि 2012 के बाद से जो विकास हुआ उसका रिपोर्ट कार्ड पेश करें. बिहार ने इस दौरान भी काफी विकास किया है. कृषि क्षेत्र में दो सालों से बारिश कम होने और केंद्र से उचित सहयोग नहीं मिलने के कारण विकास दर में जरुर कमी आयी है.
चौसा, कजरा, पीरपैंती में बिजली प्लांट लगाने के लिए जमीन का अधिग्रहण हो चुका है और राज्य सरकार अपनी ओर से तेजी से इसे शुरू करने में प्रयासरत है. सभी गांवों तक बिजली पहुंचाना सिर्फ राज्य सरकार का काम नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी है. देश में सभी गांवों का 100 फीसदी विद्युतीकरण नहीं हुआ है. दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरुआत की गयी. इसमें बिहार, आंध्रा, हिमाचल प्रदेश व राजस्थान ने ही डीपीआर सौंपा है. केंद्र का लक्ष्य है कि 2017 तक सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है.
उन्होंने कहा कि हमने कभी यह वादा नहीं किया था कि सभी गांवों में विद्युतिकरण करेंगे, तभी वोट मांगने जायेंगे. हमने कहा था कि इसमें सुधार करेंगे. खबर दोबारा पढ़ी गयी है.

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