21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झूठ बोल रहे मोदी : संजय

पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी का बयान यह साबित करता है कि ना पहले वो काम के थे, ना आज हैं और ना ही कल काम के रहेंगे. सुशील मोदी को शिक्षकों के वेतन वृद्धि के फैसले का स्वागत करना चाहिए था […]

पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी का बयान यह साबित करता है कि ना पहले वो काम के थे, ना आज हैं और ना ही कल काम के रहेंगे. सुशील मोदी को शिक्षकों के वेतन वृद्धि के फैसले का स्वागत करना चाहिए था न कि आलोचना करनी चाहिए.
जब बिहार में संयुक्त रूप से सरकार चल रही थी तो वित्त मंत्री के रूप में सुशील मोदी ने कहा था कि नियोजित शिक्षकों को भगवान भी वेतनमान नहीं दिला सकते हैं और आज पलट रहे हैं. ऐसे में उनकी लाइ डिटेक्टर जांच होनी चाहिए थी कि वे आज झूठ बोल रहे हैं या उस समय झूठ बोल रहे थे. यह तय हो गया कि सुशील मोदी जो कुछ बोलते हैं वो उनका अपना नहीं होता है. सुशील मोदी कुछ भी अच्छा होता हुआ नहीं देख सकते हैं.
जब भी बिहार सरकार कुछ पुख्ता फैसला लेते है उनको बेचैनी होने लगती है. सुशील मोदी को जानकारी होनी चाहिए कि सरकार समय-सम पर नियोजित शिक्षकों के वेतनमान में बढ़ोतरी भी करती रही है.
राज्य के 73,500 प्राथमिक स्कूलों में 3.44 लाख और पांच हजार हाइ व प्लस टू स्कूलों में 61 हजार नियोजित शिक्षक हैं. संजय सिंह ने कहा कि नियोजित शिक्षकों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले सुशील मोदी ही इनके इस हाल के जिम्मेदार हैं. बिहार की सड़कों पर अगर नियोजित शिक्षक संघर्ष कर रहे थे तो उसके लिए पूरी तरह से सुशील मोदी ही जिम्मेदार थे. उन्होंने जो नियमावली बनायी थी वह इतनी जटिल थी कि इसमें सुधार करने में समय लगा.
पटना : नियोजित शिक्षकों को एक तरफ जहां सरकार की ओर से वेतनमान देने से खुशी है, वहीं बकाया वेतन नहीं मिलने से उनमें मायूसी भी है. राज्य के नियोजित शिक्षकों के लिए सरकार ने 20 दिन पहले ही वेतन जारी कर दिया, लेकिन उनके खाते में वेतन की राशि अब तक नहीं पहुंच सकी है. इस वजह से नियोजित शिक्षकों को तीन से छह महीने तक का वेतन नहीं मिल सका है.
कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद 13 जुलाई को ही शिक्षा विभाग ने जिलों को जून महीने तक की राशि जारी कर दी थी. हालांकि शिक्षा विभाग का दावा है कि प्रारंभिक स्कूलों के करीब 2.77 लाख शिक्षकों को जून महीने तक का वेतन का भुगतान सर्वशिक्षा अभियान के द्वारा कर दिया गया है, जबकि प्रारंभिक स्कूलों में ही 66 हजार और हाइ व प्लस टू स्कूल के 61 हजार शिक्षक व पुस्तकालय अध्यक्ष को राशि का भुगतान बिहार सरकार की ओर से हो रहा है. गिने-चुने जिले हैं जहां मार्च महीने तक का वेतन शिक्षकों को दे दिया गया है.
एक सप्ताह में मिल जायेगा वेतन
कुछ तकनीकी वजह से देरी हो रही है. प्रारंभिक स्कूलों के 40 फीसदी शिक्षकों को वेतन मिल चुका है, जबकि हाइ व प्लस टू के शिक्षकों व पुस्तकालय अध्यक्षों के लिए वेतन निकासी की जा रही है. उम्मीद है कि अगले एक सप्ताह में सभी को जून महीने तक की राशि का भुगतान कर दिया जायेगा.
अमित कुमार, शिक्षा विभाग के प्रवक्ता
नहीं मिला अब तक वेतन
सर्वशिक्षा अभियान से जिनको वेतन मिलना होता है उन्हें मार्च से जून तक का वेतन नहीं मिला है, जबकि बिहार सरकार की ओर से जिन्हें वेतन दिया जाना है उन्हें फरवरी महीने से अब तक भुगतान नहीं हुआ है.
पूरन कुमार, अध्यक्ष, पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ
इधर केंद्र से राशि मांगने की तैयारी
पटना : राज्य सरकार ने नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देने की घोषणा तो कर दी लेकिन अब सरकार के सामने धन की समस्या है. वेतनमान देने से राज्य सरकार पर 2948.49 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार बढ़ा है.
इस राशि की भरपाई के लिए अब राज्य सरकार केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजने जा रही है. इस प्रस्ताव में कहा जायेगा कि वर्तमान में शिक्षकों के वेतन में जो राशि खर्च हो रही है उसमें करीब तीन हजार करोड़ रुपये सालाना अतिरिक्त खर्च होंगे. इसलिए केंद्र सरकार राशि में बढ़ोतरी करे. फिलहाल राज्य में 4.05 लाख नियोजित शिक्षक व पुस्कालय अध्यक्ष बहाल हैं.
इसमें से प्रारंभिक स्कूलों (क्लास एक से आठ) में 3,44,114 नियोजित शिक्षक बहाल हैं. इसमें से करीब 66 हजार शिक्षकों के वेतन का भुगतान राज्य सरकार अपने मद से करती है, जबकि 2.78लाख शिक्षकों के वेतन का भुगतान केंद्र सरकार की राशि से सर्व शिक्षा अभियान के जरिये होता है.
केंद्र ने सर्वशिक्षा अभियान की पहली किस्त राज्य सरकार को दी है, जिसमें से सरकार ने मार्च से जून तक का वेतन रिलीज भी कर दिया है. राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र स्वीकार करेगी या नहीं यह केंद्र पर निर्भर करेगा. केंद्र सरकार सर्व शिक्षा अभियान के जरिये नियोजित शिक्षकों को वेतन देती है. इसमें केंद्र सरकार की शर्ते भी हैं.
वह संविदा पर बहाल नियोजित शिक्षकों को वेतन की राशि देती है. अब संविदा पर बहाल इन नियोजित शिक्षकों को वेतनमान मिल गया है.
साथ ही राज्य सरकार के अन्य वेतनमान कर्मियों व शिक्षकों की तर्ज पर अन्य भत्ते भी दिये जायेंगे. ऐसे में यह भी आशंका जतायी जा रही है कि सर्वशिक्षा अभियान के जरिये नियोजित शिक्षकों को दिये जाने वाले वेतन की राशि पर कहीं केंद्र सरकार रोक ना लगा दें.
राज्य सरकार ने इन नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देने से पहले केंद्र सरकार से इसको लेकर परामर्श भी नहीं किया है. इन सबको नजर अंदाज करे तो केंद्र सरकार शिक्षकों को वेतनमान के बाद राज्य सरकार को प्रति शिक्षक तीन से छह हजार रुपये की हुई बढ़ोतरी की राशि भी दे सकती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें