पटना: जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सोमवार को 57 महिलाओं समेत कुल 434 फरियादियों ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी फरियादी सुनाई. सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग से जुड़े मामले सामने आये. वेतन भुगतान में देरी से लेकर नियुक्ति प्रक्रिया में मौका नहीं मिलने के कई मामले सामने आये. समस्तीपुर, मोतिहारी से आये आये शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के सामने कहा कि उन्हें पिछले छह महीनों से वेतन नहीं मिला है.
जिला में पूछे जाने पर अधिकारी कहते हैं कि सरकार की ओर से राशि नहीं आयी है. इसलिए वे सीधे मुख्यमंत्री के पास ही आये हैं. मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग अधिकारियों के पास भेजा, जहां अधिकारियों ने बताया कि राशि जारी की जा रही है. एक सप्ताह के अंदर जिलों से शिक्षकों के खाते में राशि दे दी जायेगी.
मुजफ्फरपुर से आये सतीश कुमार ने बताया कि उसने 2011 में टीइटी पास किया. कई जगहों पर उसने आवेदन दिया है, लेकिन कही के भी मेधा सूची में उसका नाम नहीं आया. कई जगहों पर आवेदन देने की वजह से नियुक्ति प्रक्रिया नहीं हो पा रही है. इसे सेंट्रलाइज आधार पर किया जाये. इस पर शिक्षा विभाग ने नियमावली में संशोधन कर अगली नियुक्ति प्रक्रिया में मौका देने का आश्वासन दिया है.
टीइटी-एसटीइटी पास अभ्यर्थियों ने शिक्षक नियोजन को लेकर हंगामा किया. अभ्यर्थी सरकार सामूहिक रूप से टीइटी-एसटीइटी पास अभ्यर्थियों के नियोजन की मांग कर रहे थे. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने कहा कि नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. सोशल साइंस में अभ्यर्थी अधिक हैं और सीटें कम हैं. इसलिए सभी टीइटी-एसटीइटी पास अभ्यर्थियों की बहाली नहीं हो पा रही है. सोशल साइंस समेत अन्य विषयों की कोटि के आधार पर वेकेंसी होती है और सोशल साइंस के पद भर चुके हैं. शिक्षा विभाग अब नियुक्ति प्रक्रिया को आसान कर रहा है. इसके लिए नियमावली में संशोधन की प्रक्रिया चल रही है. नयी नियुक्ति प्रक्रिया में हर नियोजन इकाई में जाकर आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जिला स्तर पर एक आवेदन लिया जायेगा. उसी आधार पर उस जिले में उस अभ्यर्थी की नियुक्ति होगी.
वहीं, रोहतास के भूपेंद्र सिंह ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से इंजीनियरिंग कॉलेज में दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि अब तक नहीं दी गयी है. इसकी वजह से उनके बेटे सत्येंद्र सिंह का चेन्नई के इंजीनियरिंग कॉलेज से नाम कटने की नौबत आ गयी है. विभाग से आश्वासन मिला है कि राशि जल्द भेजी जायेगी. वैशाली से आये कई छात्रों ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग के तहत टीवी शाखा में बहाली होनी थी. इसके लिए 11-12 मई को परीक्षा का भी आयोजन किया गया, लेकिन रिजल्ट अब तक जारी नहीं किया गया है. अधिकारी कहते हैं जिनका होना है हो जायेगा.
जनता के दरबार में श्रम संसाधन मंत्री दुलालचंद गोस्वामी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डीएस गंगवार, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के सचिव एसएम राजू, स्वास्थ्य सचिव आनंद किशोर, श्रम संसाधन सचिव डा. एस. सिद्घार्थ, खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण के सचिव पंकज कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी धर्मेन्द्र सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.