बिहटा: बालू माफियाओं व लुटेरों का राज-चल रहा है. मजदूरों व किसानों द्वारा इस लूट एवं जनविरोधी कार्यो का विरोध पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया जा रहा है. पुलिस-प्रशासन माफियाओं के पक्ष में खड़ा होकर आम जनता का शोषण कर रहा है. ये बातें भाकपा (माले) के राज्य कमेटी सदस्य उमेश सिंह ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत बुधवार को बिहटा थाने का घेराव एवं धरना देते हुए कहीं. माले कार्यकर्ताओं ने इस मौके पर बिहटा पुलिस की हालिया कार्रवाई पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि ईंटवा गांव में बालू लोड ट्रैक्टर से कुचल कर एक स्कूली छात्र की मौत हो गयी थी.
इससे गुस्साये छात्रों ने मुआवजा एवं दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. पुलिस एवं बीडीओ घटनास्थल पर आये और सहानुभूति के बजाय निदरेष ग्रामीणों पर संगीन मुकदमा दर्ज कर दिया गया. चीनी मिल में कार्यरत लगभग 800 मजदूरों की बकाया मजदूरी की मांग को लेकर मजदूरों ने 16 दिनों तक शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किया. मजदूरों को उनकी मजदूरी तो नहीं मिली. उलटे मिल के खरीदार से मिल कर पुलिस ने निदरेष मजदूरों पर फर्जी मुकदमा दायर कर दिया. सोन नदी में बालू लदाई को लेकर मजदूरों एवं दानापुर के एसडीओ के बीच समझौते के तहत बालू लदाई मजदूरों से करानी थी, लेकिन यह समझौता आज तक लागू नहीं किया गया. विरोध करने पर कई मजदूरों को फर्जी मुकदमा कर जेल भेज दिया गया.
मुआवजे के नाम पर किसानों को तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है. माले नेताओं ने पुलिस-प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि लूट व दमन की नीति बंद हो, तमाम फर्जी मुकदमे वापस लिये जाये अन्यथा आंदोलन तेज किया जायेगा. वहीं, माले नेताओं ने इन मांगों के समर्थन में एक स्मारपत्र थानाध्यक्ष आरके शर्मा को सौंपा. कार्यक्रम में माले राज्य कमेटी सदस्य रामबली यादव, नरेश प्रसाद, गोपाल सिंह समेत दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे.
माले का प्रतिरोध मार्च
मसौढ़ी: चारा घोटाले में कथित रूप से चर्चित कुछ अन्य नेताओं के नाम पर सीबीआइ की चुप्पी के खिलाफ भाकपा (माले) ने बुधवार को मसौढ़ी, धनरूआ एवं पुनपुन में प्रतिरोध मार्च निकाला. मसौढ़ी में मार्च का नेतृत्व कमलेश कुमार, धनरूआ में नवल भारती एवं पुनपुन में अकलू पासवान ने किया. इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने आरोप लगाया कि चारा घोटाले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत 45 अभियुक्तों को सीबीआइ की विशेष अदालत ने दोषी ठहराया है, लेकिन अब भी इस घोटाले में कई नेताओं के नामों की चर्चा होती रही है. बावजूद सीबीआइ इस पर चुप्पी साधे हुए है. उन्होंने बियाडा घोटाला, एसी, डीसी बिल, अस्पताल, मनरेगा समेत अन्य मामलों की भी जांच कर कार्रवाई की मांग की.
फतुहा . भाकपा माले के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने बुधवार को फतुहा शहर में प्रतिरोध मार्च निकाला. मार्च का उद्देश्य यह था कि सीबीआइ चारा घोटाला में लालू प्रसाद यादव को तो जेल भेज दिया गया, जबकि इस घोटाले में शामिल सांसद ललन सिंह व शिवानंद तिवारी को अब तक सजा क्यों नहीं दी गयी. मतलब है कि सीबीआइ केंद्र सरकार के इशारे पर कार्य कर रही है. वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री इसी घोटाले से बचने के लिए कांग्रेस से हाथ मिला रखा है. मौके पर प्रखंड सचिव शैलेंद्र कुमार यादव, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, राम प्रवेश दास, पंकज यादव, दीना साव, रामजनम यादव, दीना पासवान, शकुंतला देवी, सुदामा दास, महेश तांती, सीता दास, जामुन मांझी, सियाशरण बिंद आदि मौजूद थे.