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झुको,ढको व पकड़ो, फिर रोल करो
आज पांच हजार बच्चे करेंगे प्राकृतिक आपदा से निबटने का मॉक ड्रिल पटना : झुको,ढको और पकड़ो. फिर करो खुद को रोल. कुछ इसी तरह की झलकियां शुक्रवारको गांधी मैदान में देखने को मिलेगी,जहां स्कूली छात्र-छात्रएं क्लास रूम में पढ़ाई तो कर रहें होंगे, लेकिन अचानक से आयी प्राकृतिक आपदाओं से खुद की हिफाजत भी […]
आज पांच हजार बच्चे करेंगे प्राकृतिक आपदा से निबटने का मॉक ड्रिल
पटना : झुको,ढको और पकड़ो. फिर करो खुद को रोल. कुछ इसी तरह की झलकियां शुक्रवारको गांधी मैदान में देखने को मिलेगी,जहां स्कूली छात्र-छात्रएं क्लास रूम में पढ़ाई तो कर रहें होंगे, लेकिन अचानक से आयी प्राकृतिक आपदाओं से खुद की हिफाजत भी करते दिखेंगे. शिक्षा विभाग ने पहली बार तीन जुलाई को ‘सुरक्षा दिवस’ की घोषणा की है. उद्घाटन शुक्रवार को गांधी मैदान में राजकीय समारोह के रूप में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे.
15 जुलाई तक मनेगा पखवारा : बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा योजना के तहत प्रति वर्ष तीन जुलाई को सुरक्षा दिवस मनाया जाना है. 15 जुलाई तक सभी स्कूलों में सुरक्षा पखवारा मनाया जाना है. इसके लिए राज्य स्तर पर मास्टर ट्रेनर तैयार कराये गये हैं. स्कूल के एक पुरुष व एक स्त्री शिक्षक को ट्रेनिंग दी गयी है ताकि वे विद्यालय स्तर पर बच्चों को आपदा से निबटने की जानकारी दे सकें. इस कार्य में बिहार शिक्षा परियोजना, एनडीआरएफ व राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मदद ली गयी है.
पटना जिले के नौ स्कूलों के लगभग साढ़े पांच हजार बच्चे भाग लेंगे. इनमें बांकीपुर गल्र्स हाई स्कूल, कन्या मध्य विद्यालय गोलघर पार्क, सेंट जेवियर्स गांधी मैदान, पटना कॉलेजिएट, बीएन कॉलेजिएट, क्र ाइस्ट चर्च, सर गणोश दत्त प्लस टू विद्यालय कदमकुआं व मिलर हाइ स्कूल से 700 से हजार बच्चों का चयन किया गया है. इन बच्चों को स्कूल स्तर पर करीब एक महीने से एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की एक्सपर्ट टीम ने मॉक ड्रिल की ट्रेनिंग दी है.
दिन भर रही चहलकदमी
गांधी मैदान में पंडाल 60 हजार वर्गफुट में बनाया गया है. उत्तर की ओर मंच तैयार किया गया है. पंडाल के हर हिस्से में चालीस स्पीकर लगाये गये हैं ताकि बच्चे एक्सपर्ट की आवाज सुन सकें. साथ ही बारिश से निबटने के लिए जमीन पर पटरे बिछाये गये हैं. पंडाल के अलग-अलग हिस्से में स्कूलों के बोर्ड लगाये गये हैं जहां उन स्कूलों के बच्चे 50-50 के ग्रुप में बैठेंगे. बच्चों के लिए बकायदा बेंच-डेस्क लगाये गये हैं, जहां बच्चे स्कूल यूनिफॉर्म में पहुंचेंगे. इन बच्चों की
टीम में स्कूल के दो-दो शिक्षक व एनडीआरएफ के एक-एक पदाधिकारी शामिल होंगे. बच्चों को प्राकृतिक आपदा से बचाव की जानकारी मॉक ड्रिल के जरिये दी जायेगी.
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