पटना. जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि जदयू ने पूरे बिहार में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध किया था. भाजपा नेता सुशील मोदी को अब तक भूमि अधिग्रहण के तकनीकी पहलू से भी वाकिफ नहीं है. देश में भूमि अधिग्रहण के लिए 1894 का कानून ही चलता था, जिसे पहले बार बड़े पैमाने पर 2013 में बदला गया, लेकिन इस कानून को आजमाने के बजाये साल भर के भीतर ही बदल दिया गया. अधिग्रहण के बदले जो मुआवजा दिया जायेगा वह 2013 के कानून के हिसाब से ही होगा. जमीन का अधिग्रहण हमेशा ताकत के बल पर किया जाता था. इसलिए जमीन लेने से पहले 70-80 प्रतिशत लोगों की सहमति अनिवार्य की गयी थी, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के बदलाव से आम नागरिकों की कुछ नहीं चलेगी. केंद्र सरकार ने अपने कुछ औद्योगिक मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए उन तमाम प्रावधानों में ही संशोधन कर दी, जिसका खामियाजा देश की जनता को उठाना पड़ेगा. इससे अडानी-अंबानी जैसे मित्र मनमानी करेंगे. भाजपा नेता सुशील मोदी भूमि अधिग्रहण कानून पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. संजय सिंह ने कहा कि सुशील मोदी पर उम्र हावी होने लगा है. इसके कारण उनकी स्मरण शक्ति का क्षरण होने लगा है. उन्हें किसानों की तकलीफ के बारे में क्या पता है? 2013 के कानून में जो ये प्रावधान था कि जमीन अधिग्रहण के बाद यदि पांच साल तक उस जमीन पर कोई निर्माण का काम शुरू नहीं होता है तो उस जमीन को किसान वापस ले लेंगे, लेकिन नये कानून में इस प्रावधान को खत्म कर दिया गया है.
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भूमि अधिग्रहण की तकनीकी पहलू से वाकिफ नहीं है मोदी : संजय सिंह
पटना. जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि जदयू ने पूरे बिहार में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध किया था. भाजपा नेता सुशील मोदी को अब तक भूमि अधिग्रहण के तकनीकी पहलू से भी वाकिफ नहीं है. देश में भूमि अधिग्रहण के लिए 1894 का कानून ही चलता था, जिसे पहले […]
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