10 प्रतिशत भी नहीं लगा धान का बिचड़ापटना. सुखाड़ का बुरा असर धान की खेती पर पड़ रहा है. सूबे में धान का बिचड़ा गिराने का काम भी शुरू नहीं हुआ है. उत्तर बिहार के अधिकतर जिलों में किसानों ने बारिश की उम्मीद में अब तक धान का बिचड़ा नहीं लगाया है. राज्य में 32 लाख हेक्टेयर में धान की खेती पर ग्रहण लगता दिख रहा है. इधर, सरकार ने धान की खेती के लिए किसानों को डीजल सब्सिडी देने का निर्णय नहीं लिया है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, लंबी अवधि की धान की खेती के लिए 10 जून तक ही धान का बिचड़ा डालना उचित है. यदि समय पर बिचड़ा नहीं गिरा, तो उपज पर बुरा असर पड़ेगा. विभागीय अधिकारी ने बताया कि दक्षिण बिहार के जिलों में जहां मंसूरी धान की खेती होती है, वहां 10 जून तक बिचड़ा लगाना आवश्यक है. लेकिन अब तक पूरे बिहार में 10 प्रतिशत भी धान का बिचड़ा नहीं लगाया जा सका है. कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि राज्य के 40 प्रतिशत धान की लंबी अवधि वाली वेराइटी की खेती होती है. कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश ने कहा कि कृषि विभाग सुखाड़ के कारण धान की खेती पर पड़ रहे असर पर नजर बनाये हुए हंै. जल्द ही सरकार किसानों की मदद का निर्णय लेगी. उन्होंने कहा कि जहां तक कृषि बीमा का सवाल है, तो विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक में इसके लिए अवधि विस्तार कर लिया जाता है. बीमा मामले में किसानों को परेशानी नहीं होने दी जायेगी.
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सुखाड़ ने धान की खेती पर लगाया ग्रहण
10 प्रतिशत भी नहीं लगा धान का बिचड़ापटना. सुखाड़ का बुरा असर धान की खेती पर पड़ रहा है. सूबे में धान का बिचड़ा गिराने का काम भी शुरू नहीं हुआ है. उत्तर बिहार के अधिकतर जिलों में किसानों ने बारिश की उम्मीद में अब तक धान का बिचड़ा नहीं लगाया है. राज्य में 32 […]
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