पटना: सूबे के डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चों को जन्म प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने की योजना पर अमल नहीं हो पा रहा है. सभी सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में तिथि निर्धारित कर जन्म प्रमाणपत्र देने की योजना दो वर्ष पहले ही बनी थी, लेकिन योजना पर अब तक काम शुरू नहीं हो सका है. जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य कई क्षेत्रों में सुविधा होती है.
20 करोड़ रुपये होंगे खर्च
प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में वैसे सभी बच्चों को कैंप लगा कर जन्म प्रमाणपत्र उपलब्ध कराना है, जिनका प्रमाणपत्र अभी तक नहीं बना है. प्रखंड विकास पदाधिकारी की अनुमति के बाद पंचायत से जुड़े सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को पंचायत सचिव (उप निबंधन जन्म व मृत्यु) के हस्ताक्षर से जन्म प्रमाणपत्र मिल जायेगा.
योजना एवं विकास विभाग के अर्थ व सांख्यिकी निदेशालय द्वारा चिह्न्ति कर्मी स्कूल रजिस्टर से बच्चों की जन्म तिथि अपने रजिस्टर में अंकित करेगा. बच्चों के अभिभावक से जन्म स्थान की जानकारी ली जायेगी. अभिभावक के आवेदन के आधार पर स्कूल रजिस्टर में अंकित जन्म तिथि में सुधार भी किया जायेगा. निबंधन कार्य पूरा करने के लिए करीब 20 करोड़ रुपये का प्रावधान हैं.