पटना: चक्रवाती तूफान से हुई क्षति का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन देख कर केंद्रीय टीम सदस्य क्षति का आकलन करने निकले. टीम के तीनों सदस्यों को आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने विकास आयुक्त के साथ हुई बैठक में क्षति की जानकारी दी. बैठक के बारे में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि राज्य के अधिकतर जिले यानी राज्य के कुल क्षेत्र का 86 प्रतिशत हिस्सा चक्रवाती तूफान से हमेशा प्रभावित होता रहा है.
21 और 22 अप्रैल को राज्य के आठ जिलों में काल वैशाखी नामक इस चक्रवाती तूफान के कारण तबाह हो गया. जिन जिलों को चक्रवाती तूफान से व्यापक क्षति हुई, उसमें कटिहार, मधेपुरा, सहरसा, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल और दरभंगा शामिल हैं. टीम के सदस्यों को बताया गया कि तूफान की गति 110 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा था. पूर्णिया एयर फोर्स स्टेशन से इसकी गति 186 किमी प्रति घंटा बताया. बताया गया कि तूफान की सूचना मौसम विज्ञान विभाग द्वारा नहीं दिया गया.
तूफान से क्षति के बारे में प्रधान सचिव ने बताया कि 226733 परिवारों को भारी परेशानी हुई. वहीं 59 लोगों की मौत इस तूफान के कारण हो गयी. किसानों के 58 पशुओं की मौत भी हो गयी. 97253 घर ध्वस्त हो गये. किसानों के 107458 हेक्टेयर में लगी फसल तबाह हो गयी. उन्होंने बताया कि फसलों की क्षति की भरपाई के लिए कृषि विभाग ने 14389.42 करोड़ रुपये किसानों को दिये.
चक्रवाती तूफान से किसानों को कुल 434.76 करोड़ की क्षति का आकलन किया गया है. केंद्रीय टीम के सदस्य तूफान पीड़ित चार जिलों का दौरा करेगा. इनमें पूर्णिया, मधेपुरा, कटिहार और मधुबनी शामिल हैं. टीम के तीनों सदस्य गुरुवार को पूर्णिया हेलीकॉप्टर से पहुंचने के बाद जिलों का दौरा सड़क मार्ग से करेंगे. टीम में शामिल सदस्यों का नेतृत्व वी. शशांक शेखर कर रहे हैं, जबकि टीम में वीरेंद्र कुमार सिंह और अजय कुमार शामिल हैं.