बिहार में कुछ वर्षों के दौरान नक्सली हिंसा की पहली ऐसी घटना है जब एक साथ 32 ट्रकों को आग के हवाले किया गया है. बेगूसराय के ठेकदार की दिनदहाड़े अपहरण कर हत्या कर दी गयी है, वहीं अंधराठाढ़ी में डकैतों ने लूटपाट के दौरान एक व्यवसायी की हत्या कर दी है. सरकार के मुखिया को जहां मजर्र-गंठबंधन की राजनीतिक से फुरसत नहीं है, वहीं प्रशासन पंगु हो गया है. उन्होंने कहा कि नक्सली खुलेआम सरकार को चुनौती दे रहे हैं. आम लोग दहशत में है.
नक्सलियों ने जनअदालत लगा कर गया के एसएसपी सहित कोबरा बटालियन के कई अधिकारियों की हत्या का फरमान जारी किया है. चार दिन पहले 21 मई को नवगछिया जीरो माइल से अपहृत बेगूसराय के बीपीसीएल के ठेकेदार प्रकाश कोले की अपहर्ताओं ने हत्या कर उनकी लाश को कोसी में बहा दिया. गया के डॉक्टर दंपती के अपहरण के बाद यह दूसरी ऐसी घटना है, जिसने बिहार के कारोबारियों के मन में दहशत पैदा कर दी है. दो दिन पहले मधुबनी के अंधराठाढ़ी थाने से महज दो सौ गज की दूरी पर स्थित किराना व्यवसायी बेचन गुप्ता के घर पर डकैतों ने धावा बोल कर न केवल उनकी लाखों की संपति लूट ली, बल्कि रॉड और डंडे से पिटाई कर उनकी हत्या भी कर दी. इस घटना के विरोध में रविवार को पूरे दिन अंधरा बाजार बंद रहा. सड़क जाम कर लोगों ने अपने गुस्सा का इजहार किया.