पटना: सूबे में पिछले एक महीने से प्रारंभिक स्कूलों में चल रही हड़ताल की वजह से पठन-पाठन ठप है. सोमवार को माध्यमिक शिक्षक संघ और नियोजित शिक्षक संघों की शिक्षा मंत्री के साथ फिर से अलग-अलग बैठक होने वाली है. इस बैठक के बाद शिक्षकों की हड़ताल जारी रहेगी या फिर हड़ताल खत्म होगी, इस पर निर्णय होगा. माध्यमिक शिक्षक संघ ने जहां हड़ताल खत्म करने के संकेत दे दिये हैं, वहीं नियोजित शिक्षक संघ अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है.
वार्ता में अगर शिक्षा विभाग उनकी मांगों पर लिखित रूप से आश्वासन देता है, तो वे हड़ताल वापस ले लेंगे. वेतनमान की मांग को लेकर प्रारंभिक स्कूलों के नियोजित शिक्षक नौ अप्रैल से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इससे स्कूलों में पठन-पाठन से लेकर मध्याह्न् भोजन तक बंद है. वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर वेतनमान वाले शिक्षकों ने 15 अप्रैल से मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया और एक मई से ही हड़ताल पर हैं.
उधर, सात मई को शिक्षा मंत्री के साथ हुई वार्ता के बाद सरकार की अपील मानने के बाद चार मई से हड़ताल पर रहे प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर वेतनमान वाले शिक्षकों ने हड़ताल वापस ले ली थी. गुरुवार को हुई वार्ता में नियोजित शिक्षक संघों ने सरकार की अपील को कार्यकारिणी की बैठक में रखने और उसके बाद फैसला लेने के लिए सोमवार तक का समय मांगा था. रविवार को नियोजित शिक्षकों के कई संगठनों ने बैठक की और सोमवार को होनेवाली वार्ता में शामिल होने व मांगों को रखने की बात कही. वहीं टीईटी-एसटीइटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ की राज्य कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पूर्ण वेतनमान की घोषणा तक हड़ताल जारी रहेगा. मार्कण्डेय पाठक ने कहा कि टीईटी-एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने 11 मई को पूरे बिहार में जेल भरो आंदोलन करेगा.
उधर, शिक्षा विभाग सोमवार की बैठक का इंतजार कर रही है. बैठक सकारात्मक रही और हड़ताल खत्म हो गयी, तो वे हाइकोर्ट में पठन-पाठन व मध्याह्न् भोजन सुचारू रूप से चलाने का शपथ पत्र देगा. वहीं, हड़ताल खत्म नहीं होती है तो शिक्षा विभाग हाइकोर्ट में शपथ पत्र देगा कि विभाग ने कई प्रयास किये, लिखित रूप से आश्वासन दिया, मैट्रिक के 14 लाख बच्चों के हित के लिए अपील भी की गयी, लेकिन शिक्षक हड़ताल तोड़ने को तैयार नहीं है.
नियोजित शिक्षकों के वेतनमान के लिए हमने मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन का बहिष्कार किया और एक मई से आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच सरकार ने जब वेतनमान के लिए कमेटी बना दी, तो हमने कहा एक समय सीमा तय कर दें कि कमेटी की अनुशंसा को कम से लागू कर दिया जायेगा. सरकार ने एक जुलाई 2015 से लागू करने का लिखित आश्वासन दे दिया है. जब सरकार ने हमारी मांगे मान ली तो क्या हड़ताल पर रहना उचित है?
केदारनाथ पांडेय, महासचिव, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ
सरकार जब तक नियोजित शिक्षकों को 9300-34,800 का वेतनमान देने की घोषणा नहीं देती है, तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी. इसके अलावा वेतनमानवाले शिक्षकों को मिलने वाली अन्य सुविधाएं भी नियोजित शिक्षकों दिये जाने की घोषणा की जाये, तभी हड़ताल खत्म किया जायेगा.
केशव कुमार, महासचिव, बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक नियोजित शिक्षक संघ
सरकार नियोजित शिक्षकों के वेतनमान देने का स्पष्ट फैसला ले. नियोजित शिक्षकों को कमेटी से नहीं बल्कि सरकार पर भरोसा है. सरकार कमेटी की अनुशंसा नहीं बल्कि एक जुलाई 2015 से वेतनमान देने की लिखित रूप से घोषणा करे.
प्रदीप कुमार पप्पू, संयोजक, बिहार राज्य नियोजित शिक्षक मोरचा
शिक्षा विभाग नियोजित शिक्षकों को चरणबद्ध व वरीयता के आधार पर वेतनमान की अनुशंसा न करे. वेतनमान के लिए गठित कमेटी बिना किसी भेदभाव के 2006 से अब तक बहाल सभी शिक्षकों के एक समान वेतनमान दे. इसके अलावा सरकार हड़ताल अवधि में बाधित हुई पढ़ाई की रिकवरी करने की मांग कर रही है. इस शिक्षकों को हड़ताल अवधि का वेतन भी दिया जाये और जितने दिन पढ़ाई बाधित हुई है इस छुट्टी को दूसरे अवकाश में समायोजन किया जाये.
मरकडेय पाठक, अध्यक्ष, टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ