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रैयती जमीन का दावा है तो सीधे आये हाइकोर्ट

काम में रूकावट को अवमानना मानेगी कोर्टसिविल कोर्ट तक गंगा की धारा लाने का मामला विधि संवाददाता.पटनापटना उच्च न्यायालय ने राजधानी में गंगा की धारा को करीब लाने की सरकार की पहल में दखलंदाजी को गंभीरता से लिया है. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेडी और न्यायाधीश सुधीर सिंह की खंडपीठ ने मंगलवार को सरकार से […]

काम में रूकावट को अवमानना मानेगी कोर्टसिविल कोर्ट तक गंगा की धारा लाने का मामला विधि संवाददाता.पटनापटना उच्च न्यायालय ने राजधानी में गंगा की धारा को करीब लाने की सरकार की पहल में दखलंदाजी को गंभीरता से लिया है. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेडी और न्यायाधीश सुधीर सिंह की खंडपीठ ने मंगलवार को सरकार से इस काम में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा प्रदान करने तथा उनकी जान माल की रक्षा को गंभीरता से लेने के निर्देश दिये. खंडपीठ ने साफ तौर पर कहा कि यदि किसी आदमी को रैयती जमीन होने का दावा करना है तो उन्हें सीधे पटना हाई कोर्ट में आना चाहिये. खंडपीठ ने कहा कि यहां आने वाले याचिकाकर्ता के आवेदन पर सुनवाई की जायेगी. लेकिन, किसी भी स्थिति मे ंकाम में रूकावट कोक बरदास्त नहीं किया जायेगा. साथ ही काम में बाधा डालने पर अवमाननावाद का मुकदमा भी चलाया जायेगा.सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि 15 जून तक पचास फुट चौड़ी नहर बना लिया जायेगा. इसके बाद केंद्र सरकार की भूगर्भ जल मंत्रालय से सहयोग की दरकार होगी. इसी क्रम में पटना के जिलाधिकारी ने सूचना दी कि नहर का काम देख रहे कार्यपालक अभियंता ने उन्हें जानकारी दी है कि स्थानीय लोग काम रोक रहे हैं और जान से मार डालने की धमकी दी है. गौरतलब है कि पटना के सिविल कोर्ट के जज की चिट्ठी पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पटना उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी, राज्य और केंद्र सरकार को सिविल कोर्ट के किनारे तक गंगा नदी की एक धारा लाने की पहल करने का टास्क दिया था.

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