पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल परिसर से नेपाल के भूकंप पीड़ितों के लिए राहत सामग्री भरे आठ ट्रकों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. इस मौके पर उन्होंने पूर्वी चंपारण जिले के प्रभारी मंत्री पद से परिवहन मंत्री रमई राम के इस्तीफा देने के सवाल पर दो टूक कहा कि आपदा की इस घड़ी में अगर कोई इस्तीफा देता है, तो मैं तत्क्षण उनका इस्तीफा स्वीकार करूंगा. इसमें तनिक भी देरी नहीं होगी.
हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल उनका इस्तीफा मुझे नहीं मिला है. इससे पहले परिवहन मंत्री रमई राम ने जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी को पूर्वी चंपारण का विशेष जिला प्रभारी मंत्री बनाये जाने पर नाराजगी जतायी और इसे अपना अपमान प्रभारी मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में प्रभारी मंत्रियों को ही कमान दी गयी है. पूर्वी चंपारण के रक्सौल में बिहार सरकार ने बेस कैंप बनाया है और यहां से राहत सामग्री नेपाल भेजी जा रही है और नेपाल से जो भूकंप पीड़ित आ रहे हैं, उन्हें रहने और उनके दूसरी जगहों पर जाने की व्यवस्था की जा रही है.
जब राहत कैंप का मैंने दौरा किया, तो इस काम में समन्वय बैठाने में कुछ अभाव दिखा. इसलिए इस काम में समन्वय बैठाने के लिए जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी को विशेष प्रभारी मंत्री बनाया गया. रमई राम पहले से ही पूर्वी चंपारण के प्रभारी मंत्री हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि मंत्री विजय चौधरी दूसरे क्षेत्रों से रक्सौल तक जा रही राहत सामग्री, नेपाल सरकार, विदेश मंत्रलय, एसएसबी, केंद्र सरकार, बिहार सरकार, निजी संस्थान और ट्रांसपोर्टर के बीच समन्वय स्थापित कर रहे हैं. इसके अलावा अरविंद चौधरी को विशेष सचिव के रूप में भी कैंप कराया गया है. जो इस काम में सहयोग कर रहे हैं.
अब सड़क मार्ग से राहत सामग्री जा रही नेपाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो-तीन दिनों तक पटना एयरपोर्ट व बिहटा एयरपोर्ट से राहत सामग्री प्लेन के जरिये नेपाल के पोखरा भेजी जा रही थी, लेकिन यह सेवा बंद हो गयी है. इससे सड़क मार्ग से राहत सामग्री भेजी जा रही है. पटना से ट्रकों में भेजी गयी राहत सामग्री पूर्वी चंपारण के रक्सौल बेस कैंप में भेजी गयी है. वहां से उसे नेपाल के काठमांडू और दूसरे पीड़ित इलाकों में भेजा जायेगा. राहत सामग्री के साथ-साथ करीब 25 स्विस कोर्टज (टेंट) भी भेजा गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जहां-जहां राहत सामग्री भेजी जा रही है, उसका भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से हो रहा है और सरकार उसे रक्सौल बेस कैंप तक पहुंचा रही है. वहीं, निजी संस्थाओं समेत लोगों द्वारा दी जा रही राहत सामाग्री को रेड क्रास सोसाइटी द्वारा राहत सामग्री रक्सौल भेजी जा रही है. सीएम ने कहा कि यह आपदा नेपाल पर नहीं, भारतवासियों पर है. राज्य सरकार हो या फिर स्वयंसेवी संस्थान, वह केवल इंतजाम कर दे रही है और बॉर्डर तक पहुंचा रही है. सब कुछ भारत की तरफ से जा रहा है. हर तरफ से रिसोर्स बना कर सामग्री पहुंचायी जा रही है, ताकि ज्यादा-से-ज्यादा लोगों के बीच वितरित किया जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर भी भूकंप व तूफान से पीड़ित लोगों तक राहत पहुंचाया गया है और पहुंचायी जा रही है. हर चीज का जिलों में समन्वय हो रहा है. सीएम ने कहा कि छपवा मोड़ से रक्सौल एनएचआइ की सड़क की हालत खराब है. इसकी मरम्मत जरूरी है. इसके लिए पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव व इंजीनियर को भेजा गया है. वे केंद्र से पूछेंगे अगर सड़क मरम्मत करने में राज्य सरकार की मदद चाहिए तो करने के लिए तैयार है.
भूकंप के क्षणों को याद करें और सचेत हो जाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूकंप आया. इसके बाद कई झटके भी आये. अब भूकंप के उस क्षणों को याद करें कि किस प्रकार घर हिल रहा था? लोग खुद कैसे हिल रहे थे? लोगों ने कैसे घरों से बाहर रात बितायी? उसे याद करें और भविष्य की तैयारी करें. भूकंपरोधी मकान बनाएं. मकानों में जो दरारें आ गयी हैं, उनकी जांच करवाएं और उसकी मरम्मत कराएं. यह भूकंप हमारे लिए चेतावनी है. नीतीश कुमार ने कहा कि सरकारी इंजीनियरों को ट्रेनिंग दी जा रही है और प्राइवेट इंजीनियर भी इसकी ट्रेनिंग लें. घर बनाते समय और खरीदते समय भूकंपरोधी है या नहीं, इसकी जांच कर लें. अगर ऐसा नहीं करते हैं, तो हम अपने आप को ही धोखा दे रहे हैं. इस आपदा के बाद लोग सतर्क लग रहे हैं, जो अच्छा है. लोग अपने मन से भय को निकाल दें और सचेत रहे.