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भारत सरकार का डॉ आंबेडकर प्रतिष्ठान देगा इनाम, अंतरजातीय विवाह करने पर मिलेंगे ढाई लाख

पटना: अगर कोई लड़का या लड़की अंतरजातीय विवाह करते हैं, तो सरकार न केवल उनको इनाम देगी, बल्कि समाज में सम्मान भी दिलायेगी. इसके लिए राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार ने नयी योजना बनायी है. इसके तहत केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय की ऑटोनोमस बॉडी डॉ आंबेडकर प्रतिष्ठान अंतरजातीय विवाह करनेवाले जोड़े को ढाई […]

पटना: अगर कोई लड़का या लड़की अंतरजातीय विवाह करते हैं, तो सरकार न केवल उनको इनाम देगी, बल्कि समाज में सम्मान भी दिलायेगी. इसके लिए राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार ने नयी योजना बनायी है. इसके तहत केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय की ऑटोनोमस बॉडी डॉ आंबेडकर प्रतिष्ठान अंतरजातीय विवाह करनेवाले जोड़े को ढाई लाख रुपये का इनाम देगी. साथ ही समारोह आयोजित कर उनको सम्मानित भी किया जायेगा. राज्य सरकार पहले से ही हर जोड़े को 50 हजार रुपये का प्रोत्साहन पुरस्कार देती है. लेकिन, जोड़े में एक का सामान्य जाति से और दूसरे का पिछड़ी जाति से होना जरूरी है.
दो किस्तों में लाभ, डीएम करेंगे सम्मानित
राशि का लाभ दो किस्तों में दिया जायेगा. पहली किस्त के तौर पर सवा लाख रुपये मिलेंगे. इसके बाद सवा लाख की राशि वर-वधू के नाम से फिक्स डिपोजिट (एफडी) करायी जायेगी, जो उनको पांच साल बाद मिलेगी. ऐसे दंपती को समाज में स्थान मिले, इसके लिए डीएम को 25 हजार रुपये अतिरिक्त दिये जायेंगे, ताकि वे समारोह का आयोजन कर वर-वधू को सम्मानित कर सकें.
राज्य सरकार भी क र रही कई प्रयास
अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं में समय-समय पर बदलाव किया जाता रहा है. इसके अंतर्गत योजना की राशि पांच हजार से बढ़ा कर 25 और अब 50 कर दी गयी है. मार्च, 2014 के बाद अंतरजातीय शादी करनेवाले जोड़े को 50 हजार रुपये दिये जाने हैं.
डॉ आंबेडकर प्रतिष्ठान के संपादक सुधीर हिलसायन ने कहा तम समाज में आज भी अंतरजातीय विवाह को मान्यता प्रदान नहीं हैं. यदि कोई चोरी-छुपे शादी कर भी लेता है, तो सामाजिक रूप से मान्यता नहीं होने से कई तरह की परेशानियां दंपती को ङोलनी पड़ती है. ऐसे में अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक मदद करने के साथ-साथ अब संस्थान की ओर से सामाजिक स्वीकार्यता भी दी जायेगी, ताकि समाज से जातीय पूर्वाग्राहता पूरी तरह से समाप्त हो सकें.
इन्हीं को मिलेगा लाभ
केवल अंतरजातीय विवाह करने वाले को ही इसका लाभ मिलेगा. शादी करनेवाले जोड़ों में एक सामान्य जाति का और दूसरा पिछड़ी जाति का हो. इनमें पति-पत्नी के रहते पुनर्विवाह करने और तलाकशुदा दूसरा विवाह, एक जाति की उपजाति में विवाह करनेवाले जोड़ों व अंतर धार्मिक को इससे वंचित रखा गया है.

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