पटना: राज्य सरकार ने भूकंप प्रभावित जिलों समेत सभी जिलाधिकारियों को भूकंप से मकानों में आयी दरार की जांच की जिम्मेदारी दी है. सोमवार को सरकार के प्रधान सचिव अंशुली आर्या ने डीएम को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया. डीएम अपने-अपने जिलों में सिविल इंजीनियरों की ट्रेनिंग करा कर वैसे भवन जो क्षतिग्रस्त हो गये होंगे या भवनों के दीवार व छतों में दरार आ गयी हो और वे रहने योग्य है या नहीं.
इसकी जांच कारायेंगे. अगर जिन भवनों के दरार को मरम्मत कर रहने योग्य बनाया जा सकता है, तो उसकी मरम्मत करवाने के लिए निर्देश भी देंगे. सरकार के जारी निर्देश में क्षतिग्रस्त भवनों को पांच ग्रेड जी-1, जी,-2, जी-3, जी-4, व जी-5 में बांटा गया है.
डीएम इंजीनियरों के माध्यम से आवश्यकता पड़ने पर ग्रेड व निरीक्षण की तारीख भी भवन पर अंकित कर सकते हैं. ग्रेड-1 व ग्रेड-2 के क्षतिग्रस्त भवन रहने योग्य होंगे. वहीं, ग्रेड-3 के क्षतिग्रस्त भवन में रहना अभी असुरक्षित होगा. इसमें से जाकर अपनी आवश्यकतानुसार सामान निकाल सकते हैं. इसके अलावा ग्रेड-4 व ग्रेड- 5 के भवनों को असुरक्षित घोषित किया जाये. सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी डीएम अपने क्षेत्र के सिविल इंजीनियरों की एक बैठक बुला कर तत्काल यह काम करवाएं. साथ ही इसकी रिपोर्ट भी सरकार को सौंपे.