सोमवार से नेपाल के प्रभावित इलाकों में 15,000 फूड पैकेट भी वितरण किये जायेंगे. केंद्र की मदद सीधे नेपाल की राजधानी काठमांडू जा रही है. भूकंप की त्रसदी पूरे नेपाल में आयी है. इसलिए बिहार अपने सीमावर्ती इलाके से नेपाल को मदद करेगा. सीएम ने कहा कि नेपाल से सटे जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में डॉक्टर समेत मेडिकल टीम तैनात रहेगी. इसमें नेपाल के रहने वाले लोग भी आ कर नि:शुल्क इलाज करा सकेंगे.
अगर घायलों को रेफर करने की जरूरत होगी, तो वहां एंबुलेंस तैनात रहेंगे और रेफरल अस्पताल में भी इलाज हो सकेगा. नेपाल के भूकंप प्रभावित इलाकों में बिहार की ओर से रेडी टू इट के तहत दो किलो चूड़ा, 250 ग्राम चीनी और थोड़ा सा नमक का पैकेट लोगों के बीच बांटा जायेगा. इसके लिए बेतिया में करीब 15 हजार पैकेट तैयार कर लिये गये हैं. सोमवार से इसका वितरण शुरू हो जायेगा. नीतीश कुमार ने कहा कि नेपाल के पोखरा में भारी क्षति हुई है. बिहार के रक्सौल की ओर से पोखरा का सड़क मार्ग है. बिहार सरकार ने पोखरा के लिए बसों का इंतजाम किया है.
बिहार के जो लोग वहां फंसे हैं उन्हें लाया जायेगा. बसों में दो-दो स्टाफ समेत अधिकारी साथ होंगे. इसके लिए केंद्र सरकार से हेलीकॉप्टर के जरिये रेकी करने की अपील की गयी है, जिसके बाद सड़क की रेकी शुरू हो गयी है. बिहार सरकार नेपाल के बॉर्डर पूर्वी चंपारण के रक्सौल, मधुबनी के जयनगर व जोगबनी और सीतामढ़ी के बैरगिनिया में बेस कैंप बना रही है. यहां नेपाल से बिहार, दूसरे राज्य या फिर नेपाल के लोगों को लाया जायेगा. साथ ही वे जहां के होंगे उन्हें वहां तक पहुंचाया जायेगा.
इसके लिए नेपाल के बोर्डर जिलों के जिलाधिकारी नेपाल के डीएम से लगातार संपर्क में हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नेपाल में भूकंप की वजह से बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. बिहार नेपाल के बिजली रिस्टोरेशन के लिए मदद देने को तैयार है. पूर्णिया में 95 फीसदी बिजली का काम पूरा हो चुका है. बिहार नेपाल को बिजली व्यवस्था ठीक करने के लिए इंजीनियर, पोल, ट्रांसफॉर्मर, कंडक्टर देने को तैयार है. इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को दे दी गयी है कि हम इन क्षेत्रों में मदद कर सकते हैं. नेपाल को मदद करने के लिए केंद्र ही पूरी मॉनीटरिंग कर रहा है. केंद्र से इसकी सहमति मिल गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार सरकार से लगातार संपर्क में है. आवश्यकता पड़ने पर सहयोग करने का वचन भी केंद्र सरकार की ओर से दिया गया है और वे सहयोग कर भी रहे हैं. आपदा की इस स्थिति से हम सब को मिल कर निकलना होगा.