पटना: पटना शहरी क्षेत्र के पावर सब स्टेशनों को फीडरों से जोड़ने के लिए लगाये गये 33 केवी अंडर ग्राउंड केबल की खराबी ने पेसू इंजीनियरों की चिंता बढ़ा दी है. पिछले एक महीने में अंडरग्राउंड केबल की गड़बड़ी के चार बड़े मामले हुए, जिसमें संबंधित फीडर की बिजली दो से पांच दिनों तक गायब रही. इन गड़बड़ियों को ढूंढ़ कर उन्हें दूर करने में फॉल्ट डिटेक्टर मशीन की विफलता भी सामने आयी है. इसकी वजह से इलाके के लाखों लोग प्रभावित रहे.
पेसू नाइन दो बार खराब
35 दिनों के अंदर पेसू नाइन में दो बार खराबी आयी है. पहली बार 24 जुलाई को यारपुर पुल से आर ब्लॉक के बीच अंडर ग्राउंड लाइन में गड़बड़ी हुई, जिसके चलते करीब 30-35 घंटे तक फीडर पूरी तरह ब्रेकडाउन में रहा. दूसरी बार 18 अगस्त को फिर यही फीडर गड़बड़ हो गया. इस बार फीडर की लाइन छह दिन बाद भी पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो सकी. वैकल्पिक उपाय के लिए अंडर ग्राउंड केबल के समानांतर ओवरहेड वायर लगाया गया. पेसू नाइन से डाकबंगला चौराहे से लेकर फ्रेजर रोड, स्टेशन रोड, कोतवाली, न्यू मार्केट, एक्जिबिशन रोड, कदमकुआं जैसे मोहल्ले जुड़े हैं. गड़बड़ी की अवधि में संबंधित मोहल्ले को पेसू सेवन से लोड शेडिंग कर बिजली दी गयी.
मंगल तालाब सब स्टेशन भी शिकार
अंडर ग्राउंड केबलिंग की गड़बड़ी का शिकार मंगल तालाब पावर सब स्टेशन भी हुआ. 28 जुलाई को इसके केबल में खराबी आने पर इससे जुड़े छह फीडरों मारूफगंज, मारूफगंज एक, पटना साहिब स्टेशन फीडर, काली स्थान फीडर, झाऊगंज फीडर, खाजेकलां फीडर को बिजली सप्लाइ पूरी तरह बाधित हो गयी. कई दिनों तक इसकी खराबी दूर नहीं की जा सकी. गड़बड़ी वाली जगह पर अंडर ग्राउंड केबल को बाइपास कर ओवरहेड वायर से बिजली दी गयी. इसके साथ ही कई बार टेलीकॉम फीडर की गड़बड़ी ने भी दो से तीन दिन इंजीनियरों को परेशान किया है. इस फीडर से अशोक राजपथ सहित उसके आसपास के दर्जनों मोहल्ले जुड़े हैं.