बड़े लक्ष्यों के लिए नेताओं को इगो त्यागना होगा. उन्होंने कार्यकर्ताओं का मान सम्मान का ख्याल रखा है और भविष्य में भी उनका सम्मान किया जायेगा. लालू प्रसाद ने कार्यकारिणी में ही अपने वसियत की घोषणा भी कर दी. उन्होंने कहा कि उनकी विरासत का वारिस उनका पुत्र होगा. जो लोग उत्तराधिकारी बनने का सपना देख रहे हैं, वह सपने में ही रह जायेंगे.
इस पर लालू प्रसाद ने कहा कि किसकी क्या मंशा है, उनको मालूम है. पार्टी छोड़कर जिसको जाना है वह चला जाये. इधर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने तीन मुद्दों को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रखी. उन्होंने कहा कि सेकुलर मतों को एकजुट कर एक दल बनाया जाये. इसके अलावा जो दल जनता दल परिवार में नहीं मिल सकते, उनके साथ तालमेल की कोशिश की जाये. इसमें कांग्रेस व वाम दो हो सकते है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो दिल्ली चुनाव का परिणाम सामने है. वहां पर सभी दल अलग-अलग होकर चुनाव लड़े और जनता एक हो गयी. परिणाम सबके सामने है.