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14 को बैसाखी, मेष राशि में प्रवेश करेंगे सूर्य

सतुआनी में स्नान-दान का है विशेष महत्व पटना : हिंदुओं धर्मावलंबियों का पर्व बैसाखी 14 अप्रैल को मनाया जायेगा. सूर्य का मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश होने पर बैसाखी का पर्व मनाया जाता है, जो इस वर्ष चैत्र शुक्ल चतुर्दशी 14 अप्रैल (मंगलवार) को है. दोपहर 3.44 बजे सूर्य मेष राशि में प्रवेश […]

सतुआनी में स्नान-दान का है विशेष महत्व
पटना : हिंदुओं धर्मावलंबियों का पर्व बैसाखी 14 अप्रैल को मनाया जायेगा. सूर्य का मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश होने पर बैसाखी का पर्व मनाया जाता है, जो इस वर्ष चैत्र शुक्ल चतुर्दशी 14 अप्रैल (मंगलवार) को है. दोपहर 3.44 बजे सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर रहा है, जो पूर्ण काल दिन माना गया है. इस दिन श्रद्धालु पूरे दिन बैसाखी का पर्व मना सकेंगे.
बैसाखी के दिन गंगा-स्नान व दान का विशेष महत्व है. श्रद्धालु गंगा स्नान कर इस दिन सत्तु व गुड़ की पूजा कर उसका सेवन करते हैं. साथ ही उस दिन टिकोला भी खाना शुभ माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार सूर्य का मेष राशि में प्रवेश होते ही खरमास की समाप्ति हो जाती है. इस दिन से सभी मांगलिक कार्यो की शुरुआत हो जाती है. पंडित के अनुसार सूर्य का मीन से मेष राशि में प्रवेश होना उच्च माना गया है. सूर्य का उच्च राशि में प्रवेश शुभ फलदायी है. सूर्य राशि के जातकों के लिए सुख-समृद्धि बनी रहेगी.
किसानों की खुशहाली का पर्व बैसाखी
बैसाखी मुख्य रूप से किसानों के लिए खुशहाली का पर्व है. विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग रूपों में मनाते हैं. पंजाब यह की ऐतिहासिक व गौरवशाली गाथा को बताता है. सिख पंथ के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह महाराज जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. बैसाखी के दिन गुरुजी ने पंच प्यारे को अमृतपान कराया था. यही नहीं किसान इस दिन फसलों के पकने की खुशी के रूप में आनंद उठाते हैं.

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