कार्यक्रम का संचालन समन्वयक अमिता सिन्हा ने किया. विभागाध्यक्ष ने बताया कि डब्लू एचओ के अनुसार प्रति एक लाख में 216 महिलाएं बच्चे के जन्म के समय मरती है, जिसको कम करके एक सौ पर लाना है. इसके लिए नर्सो को प्रशिक्षित किया गया.
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मातृ दर को ले नर्सो को मिला प्रशिक्षण
पटना सिटी: नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के महिला प्रसूति विभाग में सोमवार को मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए नर्सो की कार्यशाला आयोजित की गयी. जिसका उद्घाटन विभागाध्यक्ष डॉ रेणु रोहतगी ने किया. फेडरेशन ऑफ गॉयनिलौजिकल सोसाइटी आफ इंडिया प्रैट्रिक्ल ऑफ आब्से लाइन (फौगसी) द्वारा आयोजित कार्यशाला में परिचारिकाओं को अध्यक्ष डॉ अलका पांडे […]
पटना सिटी: नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के महिला प्रसूति विभाग में सोमवार को मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए नर्सो की कार्यशाला आयोजित की गयी. जिसका उद्घाटन विभागाध्यक्ष डॉ रेणु रोहतगी ने किया. फेडरेशन ऑफ गॉयनिलौजिकल सोसाइटी आफ इंडिया प्रैट्रिक्ल ऑफ आब्से लाइन (फौगसी) द्वारा आयोजित कार्यशाला में परिचारिकाओं को अध्यक्ष डॉ अलका पांडे व सचिव डॉ विनिता सिंह ने बच्चों के जन्म के समय मां को होने वाली परेशानियों व गर्भवती महिलाओं के देखभाल का प्रशिक्षण दिया गया. कार्यशाला में अत्यधिक रक्तस्नव से बचने, बर्ल्ड प्रेशर के साथ रक्त की कमी वाली बीमारी एनिमिया की स्थिति में महिलाओं को नर्स किस तरह प्राथमिक उपचार करे. इसकी विधि से अवगत कराया गया.
शिशु रोग विभाग में भी प्रशिक्षण शिविर
एनएमसीएच के शिशु रोग विभाग में भी सात दिनों का प्रशिक्षण शिविर सोमवार को आरंभ हुआ. उदघाटन विभागाध्यक्ष डॉ एके जायसवाल ने किया. शिविर में 24 जिलों के काउंसिलर एफडी को प्रशिक्षण दिया जायेगा. इंफैट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग के तहत प्रशिक्षण देने के लिए दिल्ली से डॉ उलफा जमाल, डॉ विभारिका व डॉ प्ररेणा के साथ विभाग के डॉ राकेश कुमार शामिल हुए. विभागाध्यक्ष ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य माताओं को दूध पिलाने की विधि से अवगत कराना है. क्योंकि जन्म के एक घंटे से लेकर छह माह तक नवजात के लिए मां का दूध सवरेत्तम है.
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